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गजब! SDOP संतोष पटेल ने घुमंतू बच्चों के साथ मनाया बेटे का पहला जन्मदिन, डीजे की धुन पर किया डांस - SDOP Santosh Patel son birthday

ग्वालियर के चर्चित एसडीओपी संतोष कुमार पटेल ने अपने बेटे रोशन पटेल का पहला जन्मदिन घुमंतू प्रजाति के बच्चों साथ धूमधाम से मनाया. साथ ही एसडीओपी ने बच्चों के साथ होटल में बैठकर भोजन किया. संतोष पटेल अपने इस तरह के कार्यों के लिए जाने जाते हैं.

SDOP SANTOSH PATEL SON BIRTHDAY
SDOP संतोष पटेल ने घुमंतू बच्चों के साथ मनाया बेटे का पहला जन्मदिन (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 5:13 PM IST

ग्वालियर।अपने सामाजिक सरोकारों के अलावा गरीबों शोषितों और वंचितों के प्रति विशेष लगाव रखने वाले बेहट के एसडीओपी संतोष कुमार पटेल एक बार फिर चर्चाओं में हैं. उन्होंने अपने बेटे रोशन पटेल का जन्मदिन घुमंतू प्रजाति के बच्चों के साथ होटल में जाकर मनाया. इसके अलावा संतोष पटेल ने उन बच्चों के साथ बैठकर भोजन भी किया. इस दौरान बच्चे डीजे की धुन पर जमकर नाचे.

SDOP संतोष पटेल ने घुमंतू बच्चों के साथ मनाया बेटे का पहला जन्मदिन (Etv Bharat)

गरीब बच्चों के बीच मनाया बेटे का जन्मदिन

संतोष पटेल न सिर्फ सोशल मीडिया पर बहुत चर्चित हैं, बल्कि अब तक वह जहां भी पोस्टेड रहे हैं, वहां की जनता के बीच भी काफी लोकप्रिय रहे हैं. ऐसा ही कुछ ग्वालियर में भी है. संतोष सामाजिक व मानवीय कार्य करने के लिए जाने जाते हैं. उनका कहना है कि बच्चे और पौधे एक जैसे होते हैं. जिनके इर्द-गिर्द नकारात्मक चीजें पनपती रहती हैं और उन्हें जल्द ही प्रभावित भी कर लेती हैं. बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उनकी एक माली की तरह देखभाल बेहद जरूरी होती है. संतोष ने अपने बेटे रोशन पटेल का पहला जन्मदिन बच्चों के साथ सामूहिक रूप से केक काटकर मनाया और उनके साथ भोजन भी किया.

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बच्चों को वितरित किए कॉपी, पेन और बैग

एसडीओपी संतोष पटेल ने बताया कि 'पत्नी रोशनी के साथ यह निर्णय लिया था कि बेटे रोशन का पहला जन्मदिन गरीब बच्चों के बीच मनाएंगे. मेरा ये मानना था कि हम अपने बच्चे का जन्मदिन जरूरतमंद लोगों के बीच मनाएं. ये बच्चे मेरे ऑफिस के पास पानी लेने के लिए आते थे. यह बच्चे घुमंतू प्रजाति के हैं. यह पढ़ते-लिखते नहीं है. यदि इन बच्चों में कुछ ही प्रेरणा पाकर शिक्षित हो जाते हैं तो मैं समझूंगा मेरी मेहनत सफल हो गई.'' संतोष ने उन बच्चों को कॉपी पेन और बैग भी वितरित किए हैं. इससे पहले संतोष पटेल ने घाटीगांव एसडीओपी के रूप में एक ऐसे आदिवासी बच्चे को स्कूल में भर्ती कराया था, जो अपनी दादी के साथ मेहनत मजदूरी करने जंगल में जाता था, लेकिन वो पढ़ता लिखता नहीं था. जबकि उसकी उम्र सिर्फ 5 साल थी. इसके अलावा एसडीओपी पटेल ने बेंहट में आचार संहिता के दौरान भी कई कार्य किए हैं.

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