ग्वालियर:ग्वालियर-चंबल अंचल अवैध उत्खनन के लिए बदनाम हो चुका है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अवैध उत्खनन को लेकर दिए गए निर्देशों का पालन न होने पर याचिका दायर की गई. अवमानना याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ग्वालियर ने निर्देशों का पालन नहीं होने पर मध्यप्रदेश के कई विभागों के टॉप अफसरों से जवाब तलब किया है. हाई कोर्ट ने राजस्व विभाग, वन विभाग और खनिज विभाग के प्रमुख सचिव के साथ ही ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर और आईजी को नोटिस जारी किए हैं. सभी पक्षकारों से एक महीने के अंदर जवाब मांगा गया है.
"न तो अवैध खनन रुका और न अफसरों ने निर्देश माने, क्यों", ग्वालियर हाई कोर्ट नाराज - MP HIGH COURT
अवैध खनन रोकने के लिए मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के निर्देशों को अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया. अब इन्हें अवमानना के नोटिस थमाए गए हैं.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Nov 21, 2024, 4:52 PM IST
दरअसल, ग्वालियर-चंबल अंचल में अवैध उत्खनन के बढ़ते मामलों के साथ ही खनन माफिया द्वारा अधिकारियों पर किए गए हमलो को देखते हुए अवधेश भदौरिया ने साल 2018 में जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर की थी. हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए याचिका को डिस्पोज कर दिया था. कोर्ट में सरकार को अवैध उत्खनन रोकने माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने और हाई कोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के यहां हर 2 महीने में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे. लेकिन लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं हुआ.
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हाईकोर्ट ने 4 साल पहले दिए थे निर्देश
इसके बाद अवमानना याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. गौरतलब है कि 29 फरवरी 2020 को जनहित याचिका डिस्पोज करते हुए हाईकोर्ट ने निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट ने सुझाव दिए थे कि खनन वाले स्थानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसटीएफ या सीआईएसएफ को दी जाए. साथ ही सड़क किनारे सीसीटीवी लगवाने सहित अन्य महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे, जिनका अमल धरातल पर नहीं दिखा. ये जानकारी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आदित्य राजावत ने दी.