पटनाः लाल धोती, ललाट पर तिलक और सिर पर बंधी शिखा. जमीन पर बैठकर वेद की शिक्षा प्राप्त करते इन विद्यार्थियों को देखकर अनायास ही गुरुकुल की तस्वीर साकार हो उठती है. पटना में संचालित वेद विद्यालयने आधुनिकता के इस दौर में भी गुरुकुल की परंपरा को जीवंत रखा है, जहां अध्ययनरत विद्यार्थियों के मुख से वेद-मंत्रों का उच्चारण सुन मन आनंद से भर जाता है.
सामान्य सिलेबस के साथ-साथ वेदों का अध्ययनःपटना के तारामंडल के सामने स्थित संत पशुपतिनाथ आदर्श संस्थान यानी वेद विद्यालय में सालों से गुरुकुल परंपरा चली आ रही है. इस विद्यालय में 7 से 12 वर्ष तक के विद्यार्थी सामान्य सिलेबस के साथ-साथ वैदिक कर्मकांड का भी अध्ययन करते हैं. वेद ऋचाओं के उच्चारण के साथ-साथ उठते-गिरते हाथों की मुद्रा अनोखी आभा प्रकट करती है.
निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ रहने-खाने की भी व्यवस्था: वेद विद्यालय के आचार्य अजीत तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि "बिहार के कई जिलों के विद्यार्थी इस विद्यालय में पढ़ाई करते हैं." उन्होंने बताया कि "विद्यालय में वेद की शिक्षा प्राप्त करनेवाले बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ रहने-खाने की व्यवस्था भी निःशुल्क है. यहां अध्ययन करनेवाले विद्यार्थी देश और दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं."