करनाल:हरियाणा में किसान आंदोलन ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. पंजाब के किसान दिल्ली कूच करने के लिए 13 फरवरी से ही हरियाणा और पंजाब के बॉर्डर पर खड़े हुए हैं. जिसमें हजारों की संख्या में किसान और हरियाणा पुलिस के जवान आमने-सामने है और कई बार तनाव का माहौल भी बन चुका है. जिसके चलते गुरुवार चंडीगढ़ में सरकार के द्वारा किसानों को मीटिंग करने के लिए आमंत्रित किया गया है. हालांकि दो बार पहले भी किसानों की मीटिंग हो चुकी है. जब से यह किसान आंदोलन शुरू हुआ तब से ही गुरनाम सिंह चढूनी इस आंदोलन से अलग थे. लेकिन गुरुवार को उन्होंने अपने संगठन के लोगों से मीटिंग करके इस आंदोलन में सहयोग देने का काम किया है.
16 फरवरी को टोल फ्री का ऐलान: गुरनाम सिंह चढूनी यूनियन के द्वारा आज गुरनाम सिंह के गांव में एक मीटिंग की गई. जिसमें भारतीय किसान यूनियन के साथ-साथ सरपंच संगठन, अन्य भी कई संगठनों ने भाग लिया. गुरनाम सिंह ने बोलते हुए कहा कि कल वह पूरे हरियाणा में किसान आंदोलन के चलते सभी टोल फ्री रखेंगे और उसके बाद 17 फरवरी को पूरे हरियाणा में सभी तहसीलों पर भारतीय किसान यूनियन के द्वारा ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा.
18 फरवरी को होगी बैठक: उसके बाद 18 फरवरी को एक बार फिर से किसान मजदूर संगठन और सरपंचों की मीटिंग की जाएगी. जिसमें आगामी रणनीति बनाई जाएगी. हालांकि जब उनसे सवाल किया गया कि इस किसान आंदोलन में क्या वह पंजाब के किसानों का समर्थन करने के लिए बॉर्डर पर जा रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि अभी हमने यह फैसला नहीं लिया है 18 तारीख को कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर पर जो मीटिंग होगी उसमें ही आगे की रणनीति तय की जाएगी.