रायपुर:नक्सलवाद सालों से विकास की राह में रोड़ा बना है. नक्सलियों के खात्मे के लिए सरकार ने समय समय पर नक्सल ऑपरेशन चलाए. फोर्स की ओर से शुरु किए गये अभियान का नाम भले अलग अलग रहा लेकिन सबका उद्देश्य एक रहा, नक्सलियों का खात्मा. वक्त के साथ साथ ऑपरेशन में जहां बदलाव आया, वहीं तकनीक और बदली रणनीति से नक्सलियों पर गहरा और घातक प्रहार भी हुआ.
ग्रामीणों ने शुरु किया था सलवा जुडूम अभियान: छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन चलाए गए. साल 2005 में सलवा जुडूम अभियान से इसकी शुरुआत हुई. यह अभियान जनता ने शुरू किया गया था. एक वक्त ऐसा भी आया जब बस्तर में जवान और सलवा जुडूम के आंदोलन से जुड़े लोग नक्सलियों से लोहा लेने लगे. सलवा जुडूम अभियान से जुड़े मामलों में सरकार का सीधा हस्तक्षेप नहीं था. विवाद बढ़ा और मामला कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया. अदालत की दखल के बाद अभियान पर रोक लगी.
ऑपरेशन ग्रीन हंट:नक्सलियों के खिलाफ साल 2009 में पुलिस ने बस्तर में ऑपरेशन ग्रीन हंट शुरू किया. ऑपरेशन ग्रीन हंट के तहत सूचना तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया गया. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नेटवर्क मजबूत करने की शुरुआत हुई.
ऑपरेशन प्रहार:ऑपरेशन ग्रीन हंट के बाद ऑपरेशन प्रहार की शुरुआत हुई. ऑपरेशन प्रहार लंबा चला और इसे प्रहार एक, प्रहार दो और प्रहार तीन चरणों में चलाया गया. प्रहार के दौरान जवानों को बड़ी सफलताएं हाथ लगी.