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CRPF DG जीपी सिंह ने नक्सलगढ़ का किया दौरा, नक्सल ऑपरेशन की ली जानकारी - CRPF DG GP SINGH

सीआरपीएफ के नए डीजी जीपी सिंह ने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया.इस दौरान नक्सल ऑपरेशन की जानकारी ली.

CRPF DG GP Singh
CRPF DG जीपी सिंह ने नक्सलगढ़ का किया दौरा (ETV BHARAT CHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 3, 2025, 1:04 PM IST

रायपुर : सीआरपीएफ के महानिदेशक जीपी सिंह ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों का जायजा लिया.इसके लिए जीपी सिंह शनिवार को दंतेवाड़ा के सीआरपीएफ कैंप पहुंचे. इस दौरान शनिवार को बस्तर रेंज के आईजी और सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई. आपको बता दें कि सीआरपीएफ का पदभार संभालने के तुरंत बाद जीपी सिंह ने छत्तीसगढ़ का दौरा किया. इस दौरान जीपी सिंह उन शिविरों में भी पहुंचे जहां पर बचे हुए नक्सलियों को खदेड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

शनिवार को दौरे के बीच हुई थी मुठभेड़ : शनिवार को CRPF DG जीपी सिंह ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. तब बीजापुर के गंगालूर जंगल में नक्सलियों और राज्य पुलिस, सीआरपीएफ की 222 बटालियन और 202 कोबरा की संयुक्त टीमों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई. इस ऑपरेशन में आठ नक्सली मारे गए, जिनमें पश्चिमी बस्तर डिवीजन, गंगलूर एरिया कमेटी के एसीएम 24 वर्षीय कमलेश नीलकांत भी शामिल थे

रविवार को दो बेस का किया दौरा : रविवार को जीपी सिंह ने सुकमा में दो फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस-टेकलगुडेम और सिलगेर का निरीक्षण किया. दोनों पूर्व नक्सली गढ़ों में स्थापित थे. अधिकारियों ने उन्हें ड्रोन, रेडियो डिवाइस और अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर सहित बरामद उपकरण दिखाते हुए वर्तमान स्थिति, नक्सली समूहों की कार्यप्रणाली और जमीन पर बलों द्वारा अपनाई गई नक्सल विरोधी कार्रवाई के बारे में जानकारी दी.

बीजापुर की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण : आपको बता दें कि बीजापुर जिला हाल ही में बड़े नक्सल ऑपरेशन को लेकर सुर्खियों में है.पिछले एक साल से बीजापुर में कई इनामी नक्सली ढेर हुए हैं.जिसमें सीआरपीएफ का बड़ा योगदान है. पुलिस डेटा के मुताबिक 1 जनवरी 2025 से अब तक मारे गए 55 नक्सलियों में से 25 अकेले बीजापुर जिले में ढेर हुए हैं.

छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ की स्थिति : वर्तमान में लगभग 40000 सीआरपीएफ जवान पूरे छत्तीसगढ़ में तैनात हैं, जो राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि लगभग 600 नक्सली अब भी छत्तीसगढ़ के जंगलों में मौजूद हैं. 31 मार्च 2026 तक नक्सली हिंसा को खत्म करने की सरकार की डेडलाइन के बाद सुरक्षा अभियान तेज हो गए हैं. 2024 में बलों ने 250 नक्सलियों का सफाया किया जबकि 812 को गिरफ्तार किया. 723 ने आत्मसमर्पण किया. हालांकि संघर्ष ने अपना असर दिखाया है. 2024 में 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए. जिसमें 60 नागरिकों की भी जान गई है. जबकि साल में नौ सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं. शनिवार की मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ पुलिस के दो जवान घायल हो गए हैं.

कौन हैं जीपी सिंह : जीपी सिंह सीआरपीएफ डीजी बनने से पहले असम पुलिस के डीजी के रूप में कार्यरत थे. इसके बाद जीपी सिंह मणिपुर का दौरा कर सकते हैं. जम्मू और कश्मीर के साथ दोनों क्षेत्रों में सीआरपीएफ की महत्वपूर्ण तैनाती है. मणिपुर में बल को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि म्यांमार में सशस्त्र समूहों की हिंसा सीमा पार फैल रही है.इसलिए छत्तीसगढ़ के साथ ही मणिपुर के लिए आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.

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रायपुर : सीआरपीएफ के महानिदेशक जीपी सिंह ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों का जायजा लिया.इसके लिए जीपी सिंह शनिवार को दंतेवाड़ा के सीआरपीएफ कैंप पहुंचे. इस दौरान शनिवार को बस्तर रेंज के आईजी और सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई. आपको बता दें कि सीआरपीएफ का पदभार संभालने के तुरंत बाद जीपी सिंह ने छत्तीसगढ़ का दौरा किया. इस दौरान जीपी सिंह उन शिविरों में भी पहुंचे जहां पर बचे हुए नक्सलियों को खदेड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है.

शनिवार को दौरे के बीच हुई थी मुठभेड़ : शनिवार को CRPF DG जीपी सिंह ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली. तब बीजापुर के गंगालूर जंगल में नक्सलियों और राज्य पुलिस, सीआरपीएफ की 222 बटालियन और 202 कोबरा की संयुक्त टीमों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई. इस ऑपरेशन में आठ नक्सली मारे गए, जिनमें पश्चिमी बस्तर डिवीजन, गंगलूर एरिया कमेटी के एसीएम 24 वर्षीय कमलेश नीलकांत भी शामिल थे

रविवार को दो बेस का किया दौरा : रविवार को जीपी सिंह ने सुकमा में दो फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस-टेकलगुडेम और सिलगेर का निरीक्षण किया. दोनों पूर्व नक्सली गढ़ों में स्थापित थे. अधिकारियों ने उन्हें ड्रोन, रेडियो डिवाइस और अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर सहित बरामद उपकरण दिखाते हुए वर्तमान स्थिति, नक्सली समूहों की कार्यप्रणाली और जमीन पर बलों द्वारा अपनाई गई नक्सल विरोधी कार्रवाई के बारे में जानकारी दी.

बीजापुर की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण : आपको बता दें कि बीजापुर जिला हाल ही में बड़े नक्सल ऑपरेशन को लेकर सुर्खियों में है.पिछले एक साल से बीजापुर में कई इनामी नक्सली ढेर हुए हैं.जिसमें सीआरपीएफ का बड़ा योगदान है. पुलिस डेटा के मुताबिक 1 जनवरी 2025 से अब तक मारे गए 55 नक्सलियों में से 25 अकेले बीजापुर जिले में ढेर हुए हैं.

छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ की स्थिति : वर्तमान में लगभग 40000 सीआरपीएफ जवान पूरे छत्तीसगढ़ में तैनात हैं, जो राज्य पुलिस बलों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि लगभग 600 नक्सली अब भी छत्तीसगढ़ के जंगलों में मौजूद हैं. 31 मार्च 2026 तक नक्सली हिंसा को खत्म करने की सरकार की डेडलाइन के बाद सुरक्षा अभियान तेज हो गए हैं. 2024 में बलों ने 250 नक्सलियों का सफाया किया जबकि 812 को गिरफ्तार किया. 723 ने आत्मसमर्पण किया. हालांकि संघर्ष ने अपना असर दिखाया है. 2024 में 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए. जिसमें 60 नागरिकों की भी जान गई है. जबकि साल में नौ सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं. शनिवार की मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ पुलिस के दो जवान घायल हो गए हैं.

कौन हैं जीपी सिंह : जीपी सिंह सीआरपीएफ डीजी बनने से पहले असम पुलिस के डीजी के रूप में कार्यरत थे. इसके बाद जीपी सिंह मणिपुर का दौरा कर सकते हैं. जम्मू और कश्मीर के साथ दोनों क्षेत्रों में सीआरपीएफ की महत्वपूर्ण तैनाती है. मणिपुर में बल को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि म्यांमार में सशस्त्र समूहों की हिंसा सीमा पार फैल रही है.इसलिए छत्तीसगढ़ के साथ ही मणिपुर के लिए आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.

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