उत्तरकाशी: हर्षिल घाटी का रसीला सेब मंडी और बाजार में जाने को तैयार है. यहां सेब तुड़ान के साथ-साथ सेब की ग्रेडिंग और पैकिंग करने का काम शुरू हो गया है. घाटी के आठ गांवों में रॉयल डेलीशियस, गोल्डन डेलीशियस और गाला समेत 20 से ज्यादा सेब की प्रजातियों का उत्पादन होता है. पिछले साल की तुलना में अच्छे उत्पादन से सेब काश्तकारों के चेहरे खिले हुए हैं. वे अच्छे उत्पादन से अच्छे मुनाफे की उम्मीद कर रहे हैं.
हर्षिल घाटी के रसीले सेब का सभी करते हैं इंतजार:उत्तराखंड में उत्तरकाशी सेब उत्पादन में पहले स्थान पर है. यहां सालाना करीब 20 से 30 हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है. इसी बीच हर्षिल घाटी के रसीले सेब का हर किसी को इंतजार रहता है, जो कि सितंबर अंतिम के हफ्ते और अक्टूबर महीने तक बाजार में पहुंचते हैं. इस सीजन की शुरुआत में बर्फबारी कम होने से सेब उत्पादन प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन बाद में हुई बारिश और बर्फबारी से सेब के पेड़ों के लिए जरूरी शीतमान की पूर्ति होने से यह ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है.