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उत्तराखंड में चुनावी गाड़ियों पर लगाया जा रहा जीपीएस सिस्टम, 13 हजार से ज्यादा वाहन किये गये अधिग्रहित - GPS System on Vehicles

GPS On Election Vehicles in Uttarakhand उत्तराखंड में चुनाव ड्यूटी में लगने वाली गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगाया जा रहा है. ताकि, गाड़ियों पर निगरानी रखी जा सके. वहीं, अभी तक 13 हजार से ज्यादा गाड़ियों का अधिग्रहण किया जा चुका है.

LOK SABHA ELECTION 2024
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 11, 2024, 8:13 PM IST

देहरादून: लोकसभा चुनाव के लिए परिवहन विभाग की ओर से अभी तक 13 हजार 250 वाहनों का अधिग्रहण किया जा चुका है. जिनमें से अब जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जा रहा. अभी तक 2600 वाहनों में जीपीएस की व्यवस्था की जा चुकी है. वहीं, 10 हजार 91 वाहन वोटिंग के दिन इस्तेमाल होंगे. इसके अलावा पोलिंग पार्टियों के लिए बेड और बिस्तर की व्यवस्था भी जिले की टीम कर रही है.

वाहनों का किया जा रहा अधिग्रहण: परिवहन विभाग की ओर से गाड़ियों का काफी संख्या में अधिग्रहण किया जाना है. जिसमें से जोनल मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट, फ्लाइंग स्क्वायड और एसएसटी के लिए 3 हजार 860 वाहन व पोलिंग पार्टियों की व्यवस्था के लिए 9 हजार 190 वाहनों की व्यवस्था की जा रही है. टैक्सी और मैक्सी श्रेणी के राज्य में पंजीकृत 56,598 वाहनों में से केवल 7 हजार 535 वाहनों का अधिग्रहण किया जा रहा है.

इसके अलावा 6 हजार 526 पंजीकृत बसें और मिनी बसों में से 3,500 वाहनों का ही अधिग्रहण किया जा रहा है. निर्वाचन ड्यूटी में जो वाहन चालक और परिचालक ड्यूटी में तैनात रहेंगे, उनका मतदान करवाने के लिए उन्हें डाक मतपत्र की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. ऐसे में 8 हजार 783 वाहन चालकों और परिचालकों को डाक मतपत्र के लिए फार्म 12 उपलब्ध कराया गया, उनमें से 8 हजार 675 ने सही प्रारूप पर फार्म भरकर उपलब्ध करा दिया है.

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि अभी तक 2600 वाहनों में जीपीएस की व्यवस्था की जा चुकी है. मतदान के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी वाहनों में मतदान से 2 दिन पहले तक जीपीएस इंस्टॉल करने की कार्रवाई पूरी हो जाएगी. इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर नोडल अधिकारी बनाए गए हैं. सकुशल मतदान संपन्न कराने के लिए अपने रूट प्लान के हिसाब से पोलिंग पार्टियां प्रवास और यात्रा करेंगे. वाहनों में जीपीएस लगने से निगरानी में मदद मिलेगी. यदि कोई वाहन निर्धारित रूट से अलग रूट का इस्तेमाल करता है तो इसकी जानकारी भी मिलती रहेगी.

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