पटना:बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुलाकात की. गर्मजोशी भरी इस मुलाकात ने कई सियासी दावों की हवा निकाल दी. नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान 2 जनवरी को नए साल में शपथ लेंगे. आरिफ मोहम्मद खान बिहार के 42 में राज्यपाल होंगे और 5वें मुस्लिम राज्यपाल. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का राज्यपाल के साथ हमेशा से मधुर संबंध रहा है. कई बार विवाद भी हुए लेकिन नीतीश कुमार ने बहुत ही चतुराई से विवाद को सलटा लिया.
राज्यपाल और सीएम के बीच रहेंगे मधुर संबंध?: अब नए राज्यपाल को लेकर कई तरह की चर्चा है लेकिन जदयू के नेता और शिक्षाविदों का कहना है कि नए राज्यपाल के साथ भी नीतीश कुमार का मधुर संबंध रहेगा और राजभवन से कोई विवाद होने वाला नहीं है. हालांकि पटना विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष रणधीर सिंह ने कहा कि महामहिम नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से हम लोगों को बड़ी उम्मीद है. उच्च शिक्षा में सुधार करेंगे विशेष कर शिक्षकों के खाली पदों को जल्द भरेंगे और राज्य सरकार के साथ मिलकर शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे.
विवाद होने पर नीतीश ने पहल कर निपटाया है मामला:राज्य सरकार और राजभवन के बीच टकराव अब कोई नया मामला रहा नहीं है. कई राज्यों में यह दिखा है बिहार में भी कई मौके पर टकराव सामने आए हैं, लेकिन जब नीतीश कुमार की बात करें तो राज भवन के साथ हमेशा तालमेल के साथ कदम बढ़ाते रहे हैं. निर्वतमान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और उनसे पहले के राज्यपाल के साथ भी कुछ मुद्दों पर बिहार सरकार का टकराव हुआ था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विवाद को आगे बढ़ने नहीं दिया.
कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर विवाद: निवर्तमान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर से ही जुड़ा मामला है. 2023 में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर. राजभवन और बिहार सरकार के तरफ से आवेदन निकाल दिया गया. राज भवन के तरफ से इस पर कड़ी आपत्ति जताई गई और फिर नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलकर राज सरकार के द्वारा निकाले गए आवेदन को वापस ले लिया.
विवाद निपटारा करने में माहिर है नीतीश:वहीं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद पर केके पाठक ने मुजफ्फरपुर के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति कुलपति के वेतन पर रोक लगा दिया था. राज भवन ने राज सरकार के किसी आदेश को नहीं मानने का विश्वविद्यालय को विशेष निर्देश दिया. मामला तूल पकड़ने लगा था लेकिन नीतीश कुमार ने फिर से राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से बात की और निकाल गई अधिसूचना को वापस ले लिया गया. नीतीश कुमार ने चतुराई से विवाद का निपटारा कर लिया है.
राज्यपाल हमेशा नीतीश की तारीफ की: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर हो या उससे पहले के राज्यपाल हमेशा नीतीश कुमार की तारीफ ही करते रहे हैं. देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तो लंबे समय तक बिहार के राज्यपाल रहे और आज भी नीतीश कुमार की तारीफ करते हैं बिहार आते हैं तो नीतीश कुमार से जरूर मिलते हैं.