सहारनपुर: सहारनपुर के जनमंच सभागार में गुरुवार को मां शाकंभरी विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ. मुख्य अतिथि के रूप में पहुंची राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने 6 कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 63 कुलपति स्वर्ण पदक, 2 विद्यार्थियों को प्रायोजित स्वर्ण पदक प्रदान किए. इसके अलावा यूनिवर्सिटी के द्वितीय दीक्षांत समारोह में कुल 25181 छात्रों को उपाधियों से भी नवाजा.
उपाधियों को हस्ताक्षर कर डिजीलॉकर पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड किया गया. इसमें 7808 छात्र एवं 17373 छात्राएं शामिल रहे. इतना ही नहीं महामहिम राज्यपाल ने आंगनवाडी कार्यकत्रियों को 100 का किट वितरण किया गया. इसमें सांकेतिक रूप से 10 किट जनमंच सभागार में वितरित की गयी. साथ ही प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को राजभवन से प्राप्त पुस्तकें प्रदान की गयी. इसके साथ ही विद्यार्थियों को स्कूल बैग, फल, मिष्ठान का वितरण किया गया. विद्यालयों के कक्षाओं के समूह बनाकर भाषण, चित्रकला, कहानी कथन प्रतियोगिताओं के प्रथम स्थान पर आए छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरित किए गये.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह की महत्ता बताते हुए कहा, कि अंतिम वर्ष तक इंतजार करने के बाद यह अवसर आता है. इसका सभी छात्र-छात्राओं के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है. उन्होने कहा, कि इस दीक्षांत समारोह में अभिभावकों को शामिल किया गया है. जिससे अभिभावक अपने बच्चे के जीवन में आए इस महत्वपूर्ण पल को प्रत्यक्ष रूप से देख सकें और खुशी का एहसास कर सकें. आज परिवर्तन का युग है. यह दीक्षांत समारोह इस परिवर्तन के युग का प्रत्यक्ष उदाहरण है. इसमें 80 प्रतिशत छात्राओं एवं 20 प्रतिशत छात्रों को उपाधि मिली है.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सराहना करते हुए कहा, कि भारत को विकसित बनाने के लिए वह निरंतर सोचते हैं और भारत युवाओं का देश है. जहां पर 35 प्रतिशत आबादी युवाओं की है. इस सपने को साकार करने के लिए सोच बदली है. आने वाले 25 वर्षों में जब हम देश की आजादी की शताब्दी मना रहे होंगे, तब भारत विकसित राष्ट्र होगा. लेकिन यह विकास तभी माना जाएगा जब प्रत्येक आमजन को जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास उपलब्ध हो तथा विकास समग्र हो. उन्होने कहा, कि सभी को यह संकल्प करना चाहिए कि गरीबी दूर हो. 2014 से अब तक 25 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल चुके है.
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