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राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा- अतीत का मूल्यांकन, भविष्य की रूपरेखा तय करने के अवसर देता है - Gorakhpur University Foundation Day - GORAKHPUR UNIVERSITY FOUNDATION DAY

गोरखपुर विश्वविद्यालय के 74वें स्थापना दिवस समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि अतीत का मूल्यांकन, भविष्य की योजनाओं की रूप-रेखा तैयार करने का अवसर देता है. इसमें परंपराओं का स्मरण और वर्तमान प्रगति को भी ध्यान में रखा जाये, तो परिणाम सुखद मिलता है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 1, 2024, 7:41 PM IST

गोरखपुर: बुधवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय का 74वें स्थापना दिवस समारोह हुआ. प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने वर्चुअल रूप से जुड़कर स्थापना दिवस की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अतीत का मूल्यांकन, भविष्य की योजनाओं की रूप-रेखा तैयार करने का अवसर देता है. इसमें परंपराओं का स्मरण और वर्तमान प्रगति को भी ध्यान में रखा जाये, तो परिणाम सुखद मिलता है.

गोरखपुर विश्वविद्यालय का 74वें स्थापना दिवस समारोह बुधवार को हुआ.

उन्होंने कहा कि किसी भी सभ्यता, किसी भी देश, किसी भी नगर की तरह संस्थाओं के इतिहास में स्थापना दिवस का विशेष महत्व होता है. वह दिन उसकी जीवन यात्रा का प्रस्थान बिंदु होता है और उसके मूल्यांकन का पहला मानक भी है. स्थापना दिवस के आयोजन से जहां परंपराओ का स्मरण होता है, तो वहीं, वर्तमान प्रगति के मूल्यांकन और भविष्य की योजनाओं की रूप-रेखा तैयार करने का अवसर भी प्राप्त होता है.

राज्यपाल ने कहा कि गोरखपुर की पावन धरा का अपना एक विशिष्ट ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्व है. यह महात्मा बुद्ध, भगवान महावीर, गुरु गोरक्षनाथ, संत कबीर दास आदि अनेक महापुरुषों की पवित्र भूमि रही है. मैं ऐसी पावन धरती को नमन करती हूं. विश्वविद्यालय का नाम एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी से जुड़ा हुआ है. पंडित जी अत्यंत उच्च कोटि के दार्शनिक एवं विचारक थे, जिन्होंने इस बात पर बल दिया कि देश की आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था भारतीय संस्कृति की बुनियाद पर ही निर्धारित और नियोजित होनी चाहिए.


विद्यार्थियों के लिए दो महत्वपूर्ण सेवाओं का शुभारंभ
विश्वविद्यालय में बुधवार दो महत्वपूर्ण सेवाओं की शुरुआत हुई. विद्यार्थी अपने अंकपत्रों, उपाधियों को प्राप्त करने के लिए एक पोर्टल- SERVE का उपयोग करेंगे, जिसका लोकार्पण कुलाधिपति के करकमलों से किया गया. इसके अतिरिक्त सैमसंग इनोवेशन कैम्पस कार्यक्रम स्वदेश का भी शुभारम्भ हुआ, जिसमें विद्यार्थियों को स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में अनेक पाठ्यक्रम एवं अवसर प्राप्त होंगे.

मेधावियों को मिला स्वर्ण पदक
कुलाधिपति की अध्यक्षता में समारोह में मेधावी विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक सहित कुल 112 स्वर्ण पदक प्रदान किया गया. मेधावियों विद्यार्थियों को 48 विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक और 64 स्मृति स्वर्ण पदक दिये गये.

विशिष्ट पुरातन छात्रों को सम्मानित किया गया
स्थापना दिवस समारोह में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विशिष्ट पुरातन छात्रों पद्म श्री प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, श्री चंद्रप्रकाश अग्रवाल, श्री अतुल सर्राफ़, डॉ. एल के पाण्डेय, श्रीमती निर्मला एस चंद्रा, पूर्व आईपीएस जितेन्द्र प्रताप सिंह एवं भारतीय रेल सेवा के डॉ. स्वामी प्रकाश पाण्डेय को सम्मानित किया गया.

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