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वो क्रांतिकारी जिसने अंग्रेजों का कब्जा छीनकर 32 दिनों तक चलाई स्वतंत्र सरकार, जानिए कौन है हिकमततुल्ला खां - FATEHPUR NEWS

देश को आजादी दिलाने में हिकमततुल्ला खां का हैं अहम योगदान.

1857 की क्रांति के हीरो
1857 की क्रांति के हीरो (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 26, 2025, 11:43 AM IST

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में 32 दिनों तक स्वतंत्र सरकार चलाने वाले आजादी के नायक डिप्टी कलेक्टर हिकमततुल्ला खां का नाम अगली पंक्तियों के क्रांतिकारियों में लिया जाता है. भारत सरकार ने कई मौकों पर हिकमततुल्ला खां के योगदान और बलिदान को मान्यता दी है. 1857 की क्रांति में हिकमततुल्ला खां ठाकुर दरियांव सिंह, कानपुर के नानाराव पेशवा आदि नायकों के संपर्क में आकर देश को आजादी दिलाने की मुहिम में कूद पड़े थे.

9 जून को जिले के क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों से सत्ता छीनकर हिकमततुल्ला को चकलेदार बनाया और जिले में हिकमततुल्ला खां के नेतृत्व में 32 दिनों तक स्वतंत्र सरकार चली थी. इसके बाद अंग्रेजों ने हिकमततुल्ला को गिरफ्तार कर आठ महीने के कठोर कारावास और 50 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. उसके बाद अंग्रेजों द्वारा उनका सर कलम कर दिया गया और उसे कोतवाली के गेट में टांग दिया गया था.

10 मई 1857 को बैरकपुर छावनी मेरठ में मंगल पांडेय ने अंग्रेजों से सत्ता छीनने के लिए बिगुल फूंका तो पूरे देश में राष्ट्रवाद की गूंज सुनाई पड़ने लगी. इलाहाबाद व कानपुर के क्रांतिवीरों ने फतेहपुर को पड़ाव अड्डा बनाया. जिले के वीर क्रांतिकारी जोधा सिंह अटैया, ठा. दरियाव सिंह, डिप्टी कलेक्टर हिकमततुल्ला ने गुरिल्ला युद्ध करके अंग्रेज शासकों को हिलाकर रख दिया था.

बिठूर के नाना साहब के निर्देशन पर क्रांतिकारियों ने पहले खागा राजकोष पर कब्जा कर लिया, फिर 9 व 10 जून 1857 को सरकारी बंगले फूंकने के साथ जेल से कैदियों को मुक्त कराया और जिले को स्वतंत्र घोषित कर दिया. स्वतंत्र सरकार के चकलेदार (प्रशासक) के रूप में डिप्टी कलेक्टर हिकमततुल्ला को नियुक्त किया गया. जिले में स्वतंत्र सरकार बनाने की खुशी में बिठूर में तोपें दागी गईं.

क्रांतिकारियों ने सभी गांव व नगर में हुक्म दिया कि डुग्गी पिटवा कर बता दिया जाए कि जिले में अब अपनी स्वतंत्र सरकार है. 32 दिनों तक जिले में क्रांतिकारियों ने अपनी सरकार चलाई. इसके बाद 11 जुलाई को कर्नल नील ने भारी फौज के साथ धावा बोलकर हिकमततुल्ला को गिरफ्तार कर 32 दिनों तक चली स्वतंत्र सरकार पर कब्जा कर लिया.

इसके बाद जिले भर में क्रांतिकारियों पर अंग्रेजी सेना द्वारा कहर बरपाना शुरू कर दिया गया. हिकमत उल्ला खां को स्वतंत्रता सेनानियों की भावनाओं से बहुत प्रभावित माना जाता था. वे नाना साहेब पेशवा की सेना में शामिल हुए थे.

फतेहपुर में अमर शहीद हिकमततुल्ला खां की याद में पार्क व सड़क का निर्माण कराया गया है. जनपदवासी आज भी अमर शहीद हिकमततुल्ला खां का नाम बहुत श्रद्धा के साथ लेते हैं.

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यह भी पढ़ें: फतेहपुर वृद्धाश्रम में इस हेल्पलाइन नंबर से वृद्धजनों को मिल रहा आश्रय, जानिए कैसे मिलती है मदद

फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में 32 दिनों तक स्वतंत्र सरकार चलाने वाले आजादी के नायक डिप्टी कलेक्टर हिकमततुल्ला खां का नाम अगली पंक्तियों के क्रांतिकारियों में लिया जाता है. भारत सरकार ने कई मौकों पर हिकमततुल्ला खां के योगदान और बलिदान को मान्यता दी है. 1857 की क्रांति में हिकमततुल्ला खां ठाकुर दरियांव सिंह, कानपुर के नानाराव पेशवा आदि नायकों के संपर्क में आकर देश को आजादी दिलाने की मुहिम में कूद पड़े थे.

9 जून को जिले के क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों से सत्ता छीनकर हिकमततुल्ला को चकलेदार बनाया और जिले में हिकमततुल्ला खां के नेतृत्व में 32 दिनों तक स्वतंत्र सरकार चली थी. इसके बाद अंग्रेजों ने हिकमततुल्ला को गिरफ्तार कर आठ महीने के कठोर कारावास और 50 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. उसके बाद अंग्रेजों द्वारा उनका सर कलम कर दिया गया और उसे कोतवाली के गेट में टांग दिया गया था.

10 मई 1857 को बैरकपुर छावनी मेरठ में मंगल पांडेय ने अंग्रेजों से सत्ता छीनने के लिए बिगुल फूंका तो पूरे देश में राष्ट्रवाद की गूंज सुनाई पड़ने लगी. इलाहाबाद व कानपुर के क्रांतिवीरों ने फतेहपुर को पड़ाव अड्डा बनाया. जिले के वीर क्रांतिकारी जोधा सिंह अटैया, ठा. दरियाव सिंह, डिप्टी कलेक्टर हिकमततुल्ला ने गुरिल्ला युद्ध करके अंग्रेज शासकों को हिलाकर रख दिया था.

बिठूर के नाना साहब के निर्देशन पर क्रांतिकारियों ने पहले खागा राजकोष पर कब्जा कर लिया, फिर 9 व 10 जून 1857 को सरकारी बंगले फूंकने के साथ जेल से कैदियों को मुक्त कराया और जिले को स्वतंत्र घोषित कर दिया. स्वतंत्र सरकार के चकलेदार (प्रशासक) के रूप में डिप्टी कलेक्टर हिकमततुल्ला को नियुक्त किया गया. जिले में स्वतंत्र सरकार बनाने की खुशी में बिठूर में तोपें दागी गईं.

क्रांतिकारियों ने सभी गांव व नगर में हुक्म दिया कि डुग्गी पिटवा कर बता दिया जाए कि जिले में अब अपनी स्वतंत्र सरकार है. 32 दिनों तक जिले में क्रांतिकारियों ने अपनी सरकार चलाई. इसके बाद 11 जुलाई को कर्नल नील ने भारी फौज के साथ धावा बोलकर हिकमततुल्ला को गिरफ्तार कर 32 दिनों तक चली स्वतंत्र सरकार पर कब्जा कर लिया.

इसके बाद जिले भर में क्रांतिकारियों पर अंग्रेजी सेना द्वारा कहर बरपाना शुरू कर दिया गया. हिकमत उल्ला खां को स्वतंत्रता सेनानियों की भावनाओं से बहुत प्रभावित माना जाता था. वे नाना साहेब पेशवा की सेना में शामिल हुए थे.

फतेहपुर में अमर शहीद हिकमततुल्ला खां की याद में पार्क व सड़क का निर्माण कराया गया है. जनपदवासी आज भी अमर शहीद हिकमततुल्ला खां का नाम बहुत श्रद्धा के साथ लेते हैं.

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