गोरखपुर : BRD मेडिकल कॉलेज में जल्द ही आनुवांशिक बीमारियों का सटीक इलाज शुरू हो जाएगा. यहां माइक्रोबायोलॉजी विभाग में RTPCR मशीन सितंबर में ही आनी है, जिसके बाद जेनेटिक बीमारियों की जांच आसान हो जाएगी, इसके अनुरूप ही दवाएं दी जाएंगी, जिससे इलाज कारगर होगा. यहां बता दें कि इस तरह की जांच के लिए अभी तक यूपी में सिर्फ PGI लखनऊ में ही सुविधा है. इसके बाद गोरखपुर में यह सहूलियत उपलब्ध हो जाएगी. इस तरह आनुवांशिक रोगों के इलाज का गोरखपुर बड़ा केंद्र बन जाएगा. उम्मीद है कि सितंबर के अंत तक यह सुविधा शुरू हो जाएगी.
दूर की जा सकती हैं आनुवांशिक बीमारियां :कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर रामकुमार जायसवाल ने बताया कि जीन की गड़बड़ी दूर कर मरीज को आनुवंशिक बीमारी से मुक्त किया जा सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए ही जेनेटिक मेडिसिन विभाग बीआरडी मेडिकल कॉलेज में खोला गया है. वर्तमान में कुछ ऐसी दवाएं हैं, जिनसे जीन की बीमारी ठीक की जा रही है, लेकिन इसका विस्तार होना जरूरी है. बताया कि इसमें ज्यादातर मामले स्त्री और प्रसूति रोग से जुड़े होते हैं. इसके साथ ही चर्म, नेत्र और अस्थि से जुड़ी बीमारियां भी आनुवांशिक होती हैं. जब इसकी ओपीडी शुरू होगी तो ऐसी बीमारियों को शोध का आधार भी बनाया जाएगा.
अभी तक सिर्फ लखनऊ में सुविधा :प्राचार्य के मुताबिक ऐसे मरीजों को पहले रेफर करना पड़ता था. अब कॉलेज परिसर के अंदर आनुवांशिक बीमारियों की पहचान और उसके इलाज का केंद्र खुल जाने से लखनऊ की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी. गोरखपुर, बस्ती मंडल, बिहार और नेपाल के रोगियों को भी इससे बड़ी राहत मिलेगी. उनका समय और खर्च दोनों बचेगा. बताया कि अभी तक जेनेटिक मेडिसिन विभाग केवल संजय गांधी पीजी संस्थान लखनऊ में ही संचालित हो रहा है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज इसका दूसरा केंद्र होगा, जहां यह सुविधा मिलेगी.