नई दिल्ली:दिल्ली की गगनचुंबी इमारतों के बीच प्रदूषण एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. हाल में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस मुद्दे पर ज़ोरदार कदम उठाने का संकल्प लिया है. उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से संपर्क करने की योजना बनाई है, ताकि प्रदूषण के चरम स्तर के दौरान कृत्रिम बारिश के उपयोग पर चर्चा की जा सके. यह कदम दिवाली के आसपास के समय में वायु प्रदूषण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उठाया जा रहा है.
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राय ने कहा कि दिवाली के आसपास, 1 से 15 नवंबर के बीच, वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि कृत्रिम बारिश के उपायों पर विचार करना आवश्यक है. उनका कहना है कि इस संबंध में केंद्रीय सरकार की ओर से उनके पूर्व पत्र का कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, जिससे उन्होंने तत्काल बैठक का आग्रह किया है.
"दिल्ली में धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हमने धूल विरोधी अभियान शुरू किया है. इसके तहत विभिन्न विभागों की 523 टीमें गठित की गई हैं, जो निर्माण स्थलों पर जमीनी हकीकत की जांच कर रही हैं. मैंने खुद दो निर्माण स्थलों पर जांच की. मैंने धूल प्रदूषण के लिए 14 सूत्री दिशा-निर्देशों का उल्लंघन देखा. मुझे समझ में आया कि कंपनियों में गंभीरता नहीं है. इसलिए हमने 120 निर्माण स्थलों की कंपनियों के प्रतिनिधियों को बुलाया और उन्हें धूल प्रदूषण के बारे में प्रशिक्षित किया. हमने दो पर्चे दिए. विशेषज्ञों ने क्या करें और क्या न करें के बारे में बताया. हमने उन्हें ग्राउंड स्टाफ को और प्रशिक्षित करने का काम भी दिया." -गोपाल राय, पर्यावरण मंत्री, दिल्ली सरकार
21 सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना तैयारःराय ने बताया कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 21 सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना पर काम कर रही है. 7 अक्टूबर से विशेष रूप से निर्माण गतिविधियों से होने वाले धूल प्रदूषण को कम करने के लिए 14 सूत्रीय धूल प्रदूषण विरोधी अभियान लागू किया गया है. उन्होंने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कई निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया और 120 निर्माण कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की.