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इंटरनेशनल गीता महोत्सव में मिठास घोल रही गोहाना की प्रसिद्ध जलेबी, विधानसभा चुनावों में भी बटोर चुकी है सुर्खियां

हरियाणा विधानसभा चुनावों में सुर्खियां बटोर चुकी गोहाना की जलेबियां अब कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव में खूब पसंद की जा रही है.

Gohana famous Jalebi
Gohana famous Jalebi (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 30, 2024, 3:22 PM IST

Updated : Nov 30, 2024, 4:50 PM IST

कुरुक्षेत्र:अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के क्राफ्ट व सरस मेले के मोके पर कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर मिनी भारत के रूप में नजर आ रहा है. जहां एक तरह शिल्पकार अपनी कला को प्रदर्शित कर रहे हैं. वहीं, विभिन्न प्रदेशों के खानपान के रंग भी यहां देखने को मिल रहे हैं. विधानसभा चुनाव में खूब चर्चा बटोर चुकी गोहाना की जलेबी अब अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंच चुकी है. हरियाणा के विधानसभा चुनाव में यह काफी चर्चा में रही है. इसकी चर्चा में रहने का मुख्य कारण यह भी है कि यह काफी अच्छा व्यंजन है. जिसको भारत ही नहीं विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है.

जलेबी के कारीगर ने बताई मिठाई की खासियत: स्टॉल के मालिक बलजीत सिंह ने बताया कि विश्व भर में प्रसिद्ध गोहाना की देशी घी की जलेबी का अपना ही स्वाद है. अपनी खास बनावट के लिए जानी जाने वाली गोहाना की जलेबी सालों से देश-विदेश में अपनी अलग पहचान के लिए विख्यात है. गोहाना की जलेबी का स्वाद हर कोई चखना चाहता है. ताऊ बलजीत सिंह ने बताया कि वह 1960 से यह जलेबी बनाने का काम कर रहे हैं. पहले उन्होंने 40 सालों तक ताऊ मातुराम के यहां पर हलवाई का काम किया था. लेकिन उसके बाद उन्होंने अपना काम करना शुरू किया है. जो काफी लोकप्रिय होता जा रहा है.

Gohana famous Jalebi (Etv Bharat)

'सेहत के लिए नहीं है नुकसानदायक': उन्होंने बताया कि इस जलेबी की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है. क्योंकि इसको शुद्ध देसी घी में बनाया जाता है. जो एक महीने तक भी खराब नहीं होती है. इसमें ऐसे ही किसी भी पदार्थ का प्रयोग नहीं किया जाता जो सेहत के लिए हानिकारक है या जिससे सेहत को किसी भी प्रकार का नुकसान हो. इसलिए इसको लोग खाने में काफी पसंद करते हैं. इसका स्वाद भी अलग होता है. यह कड़क होती है. जिसमें खाने में काफी स्वाद आता है.

जलेबी बनाने की सामग्री: पिछले कई दशकों से गोहाना की जलेबी की धूम देश विदेश में मची हुई है. कुरुक्षेत्र भूमि पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में भी यह विशाल जलेबी लगातार कई सालों से पर्यटकों को लुभा रही है. पिछले 14 सालों से ताऊ बलजीत सिंह अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आते हैं. यहां पर लोगों का खूब प्यार मिलता है. लोग इसको खरीद कर इसका स्वाद चखते हैं. बिना किसी केमिकल के तैयार की जाती है. गोहाना की जलेबी, मैदा, देशी घी और चीनी से तैयार की गई जलेबी की विदेश में भी काफी डिमांड रहती है.

एक किलों में सिर्फ चार जलेबी: आपको बता दे गोहाना की जलेबी अपनी खास बनावट के लिए भी जानी जाती है. एक किलो जलेबी में करीब चार जलेबियां आती है और कारीगरों के अनुसार 250 ग्राम की एक जलेबी बनाई जाती है. गीता जयंती में पर्यटक जहां अन्य शिल्पियों की कला को देख रहे हैं. वहीं, गोहाना की विशाल जलेबी को देखना और चखना नहीं भूलते हैं. उन्होंने कहा कि वह पूरे भारत में अलग-अलग राज्यों में ऐसे क्राफ्ट मेलों में जाते हैं. जहां पर उनकी जलेबी को काफी पसंद किया जाता है.

विदेश में भी बनाई जाएगी जलेबी: लोगों की विदेश से भी जलेबी की डिमांड आती है. विदेशों में भी जलेबी को भेजा जाता है. 2025 में वह ऑस्ट्रेलिया जा रहे हैं. जहां पर अपनी इस जलेबी को बनाकर वहां के लोगों को खिलाएंगे तो ऐसे में अगर हरियाणा की व्यंजनों की बात करें हरियाणा के व्यंजनों में गोहाना की जलेबी प्रमुख व्यंजन है. ताऊ बलजीत सिंह अपने इस व्यंजन को और हरियाणा की संस्कृति को देश ही नहीं विदेश के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं.

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Last Updated : Nov 30, 2024, 4:50 PM IST

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