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नवरात्रि पर छात्राओं को जिम्मेदारी, दिल्ली यूनिवर्सिटी में 'एक दिन की अध्यक्ष' की अनोखी पहल - Dusu presidents in navratri - DUSU PRESIDENTS IN NAVRATRI

Dusu presidents in navratri: इस साल चैत्र नवरात्रि में डूसू की ओर से छात्राओं के लिए एक अनोखी पहल की गई है. उन्हें एक दिन के लिए छात्रसंघ का अध्यक्ष बनाया गया है. इसके लिए 10 छात्राओं का चयन किया गया. हर दिन एक छात्रा एक दिन अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाते हुए कामकाज देखेगी. आइए जानते हैं, कौन हैं, वह छात्राएं, जिनका इसके लिए चयन किया गया है.

DUSU PRESIDENTS IN NAVRATRI
DUSU PRESIDENTS IN NAVRATRI

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 9, 2024, 7:03 AM IST

Updated : Apr 10, 2024, 10:40 AM IST

छात्राओं ने जताई खुशी

नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) की नई पहल के तहत 10 छात्राएं एक-एक दिन के लिए डूसू अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगी. डूसू अध्यक्ष तुषार डेढ़ा ने बताया कि हमने यह पहल केंद्र सरकार द्वारा संसद और राज्य विधानसभा में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का विधेयक पास करने को लेकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गए कदम से प्रेरित होकर की है. इस पहल के तहत हमने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च के दिन दिल्ली विश्वविद्यालय में एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया था. इस निबंध प्रतियोगिता का विषय विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका था, जिसमें 5,234 छात्राओं ने भाग लिया था.

पहले दिन साक्षी पटेल ने लिया पदभार.

इनमें से 10 छात्राओं को विजेता चुना गया. इसकी शुरुआत के लिए हमने नवरात्रि को इसलिए चुना क्योंकि नवरात्रि में मां शक्ति की पूजा होती है. इसलिए 10 दिन तक छात्रसंघ की कमान इन महिलाओं के हाथ में रहेगी. हमारी थीम है 10 दिन 10 महिला छात्रसंघ अध्यक्ष. हम चाहते हैं कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ में महिलाओं की भागीदारी बढ़े. यहां से महिलाएं राजनीति का सबक सीखें और देश की राजनीति में सहभागी बने.

तुषार ने कहा कि डीयू में वर्ष 2008 के बाद से कोई महिला छात्रसंघ अध्यक्ष नहीं बनी है. 2008-09 में नुपुर शर्मा अध्यक्ष चुनी गईं थीं. इस बात को 15 साल का लंबा समय गुजर गया है. इसलिए हम चाहते हैं कि इस कदम से दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्राओं में छात्रसंघ को लेकर के एक नई समझ और सोच विकसित होगी और उनका रुझान छात्रसंघ चुनाव में सहभागिता करने की ओर बढ़ेगा, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अच्छा कदम होगा.

ये 10 छात्राएं होंगी एक दिन की छात्रसंघ अध्यक्ष

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अंशिता चौहान, दौलतराम कॉलेज:अंशिता दौलतराम कॉलेज में वनस्पति विज्ञान ऑनर्स प्रथम वर्ष की छात्रा हैं. अंशिता ने बताया कि वह हिमाचल प्रदेश के शिमला से हैं. उन्होंने कहा, मैं राजनीति से बहुत दूर हूं और यह मेरे जैसे छात्रों को एक्सपोजर पाने, सीधे अपने विचारों से अवगत कराने का एक शानदार अवसर है. देशभर से डीयू में पढ़ाई के लिए नवागंतुक छात्रों विशेष रूप से लड़कियों के रहने के लिए एक सुरक्षित स्थान ढूंढना कठिन है. मैं एक दिन की डूसू अध्यक्ष के रूप में इन विद्यार्थियों के लिए एक आधिकारिक साइट बनाना चाहती हूं, जिसमें उन्हें सर्वोत्तम आवास या पीजी ढूंढने में मदद मिले. मेरा कॉलेज दौलतराम डूसू में शामिल नहीं है, इसलिए मेरे लिए एक दिन की डूसू अध्यक्ष बनना बड़ी बात है. यह एक सपने जैसा है. अगर भविष्य के दौलतराम कॉलेज डूसू से जुड़ता है और इसका कोई विद्यार्थी डूसू अध्यक्ष बनता है, तो उसे दौलतराम कॉलेज से डूसू का दूसरा छात्रसंघ अध्यक्ष ही कहा जायेगा. पहले नंबर पर हमेशा मेरा ही नाम आएगा. यह मेरे लिए एक ऐतिहासिक क्षण है.

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ईशा अवाना, एम.ए. हिंदी विभाग:वहडीयू के हिंदी विभाग में एम ए. प्रथम वर्ष की छात्रा हैं. नोएडा की रहने वाली ईशा ने कहा कि, हर बच्चे की तरह मेरा भी सपना रहा कि मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में आकर पढ़ाई करूं. खुद की मेहनत परिवार के सहयोग से स्नातक और अब परास्नातक की पढाई दिल्ली विश्वविद्यालय से करने का सौभाग्य मिला. दिल्ली छात्रसंघ हमेशा छात्र-छात्राओं की आवाज बनकर खड़ा रहा है. नारी शक्ति-राष्ट्र शक्ति को बढ़ावा देते हुए डूसू ने एक सराहनीय पहल की है, जिससे मुझे भी एक दिन के लिए छात्रसंघ अध्यक्ष बनने का मौका मिलने जा रहा है. मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. मैं दिल्ली छात्रसंघ के कमेटी का आभार व्यक्त करती हूं.

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अंकिता आनन्द, सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज:सेंटर फॉर हिंदू स्टूडिज में प्रथम वर्ष की छात्रा अंकिता, मधुबनी (बिहार) की रहने वाली हैं. उन्होंने कहा कि मैं एक एथलीट हूं और मुझे खेलों में गहरी रूचि है. मैं आगे प्रोफेसर बनना चाहती हूं. मुझे एक दिन की डूसू अध्यक्ष बनने का अवसर मिला है. यह एक बड़ी पहल है कि महिलाएं इन बड़े पदों पर आसीन हो सकती हैं. यह भविष्य के लिए मार्गदर्शक बनेगी और राजनीति में अधिक महिलाओं को आकर्षित करेगी. मैं एक दिन की डूसू अध्यक्ष के रूप में ऑफ कैंपस के छात्रों की समस्या से संबंधित मुद्दों की ओर विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराने का प्रयास करूंगी.

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अक्षिता जौहर, रामजस कॉलेज:अक्षिता ने कहा कि मैं डीयू के रामजस कॉलेज में तृतीय वर्ष बीएससी गणित ऑनर्स की छात्रा हूं. मैं काशीपुर (उत्तराखंड) की रहने वाली हूं. डूसू अध्यक्ष बनने पर मैं बहुत उत्साहित और गर्व महसूस कर रही हूं. मैं अपने कॉलेज में एनएसएस यूनिट की सचिव रही हूं एवं प्लेसमेंट सेल में एक्जीक्यूट कॉर्डिनेटर भी हूं. वाइस चांसलर इंटर्नशिप स्कीम में इंटर्नशिप के लिए भी मेरा चयन हुआ था. मैं अपने इन अनुभवों का प्रयोग अपनी इस नई भूमिका में लगाना चाहूंगी.

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दीक्षा लिंगायत, श्री वेंकटेश्वरा कॉलेज:दीक्षा लिंगायत श्री वेंकटेश्वरा कॉलेज बीए (ऑनर्स) अंग्रेजी प्रथम वर्ष में पढ़ रही हैं. उनका जन्म कर्नाटक में हुआ है और पालन-पोषण दिल्ली में हुआ है. दीक्षा ने कहा कि मैं यह अवसर पाकर बहुत सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूं. मैं एक दिन की डूसू अध्यक्ष बनकर छात्राओं की सुरक्षा के मुद्दे पर विचार करूंगी और इसको लेकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों से भी मांग करूंगी.

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साक्षी पटेल, सत्यवती कॉलेज:साक्षी पटेल डीयू के सत्यवती कॉलेज (मॉर्निंग) में बीए कार्यक्रम के तीसरे वर्ष की छात्रा हैं. वह मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के एक गांव से हैं. साक्षी ने बताया कि मेरी पारिवारिक पृष्ठभूमि सादगी और कड़ी मेहनत पर आधारित है. मेरे पिता खेती करते हैं और मां आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास सेवा) में पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत हैं. देश के प्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ में मुझे एक दिन की अध्यक्ष बनने का अवसर मिलने जा रहा है. इसके लिए बहुत खुश हूं. यह एक अच्छी पहल है.

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श्यामा अरुणभाई त्रिवेदी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज:श्यामा राजकोट गुजरात की रहने वाली हैं. उन्होंने बताया कि गुजरात में पिता का नाम अपने नाम के बाद लगाने की परंपरा है. इसलिए वह अपना पूरा नाम श्यामा अरूणभाई त्रिवेदी लिखती हैं. उन्होंने कहा कि गुजरात से दिल्ली विश्वविद्यालय तक की यात्रा मेरे लिए बहुत ही प्रेरणादायक रही है. डूसू का एक दिवसीय अध्यक्ष बनने का अवसर प्राप्त करना अपने आप में बहुत बड़ी बात है. डूसू अध्यक्ष के एक दिवसीय कार्यकाल के दौरान मैं डीयू की पीडब्ल्यूडी (दिव्यांग) लड़कियों को अपने कौशल का प्रतिनिधित्व करने के लिए मंच देना चाहती हूं.

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सोफिया, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज:सोफिया स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा हैं. उनके पिता सेना में कैप्टन हैं. वह राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की रहने वाली हैं. सोफिया ने बताया कि वह एक दिन की डूसू अध्यक्ष के रूप में विश्वविद्यालय और कॉलेजों में जीरो वेस्ट गतिविधियों को प्रोत्साहित करना चाहेंगी. साथ छात्र छात्राओं में इसके लिए जागरूकता लाने का प्रयास करेंगी.

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जैनब निगार, हंसराज कॉलेज:वह हंसराज कॉलेज में बीएससी ऑनर्स प्रथम वर्ष की छात्रा हैं और झारखंड के पाकुड़ जिले की रहने वाली हैं. एक दिन की छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर वह काफी सम्मानजनक महसूस कर रही हैं. छात्र राजनीति में महिला सशक्तिकरण के लिए डूसू की यह एक अच्छी पहल है. डीयू की बहुत सारी छात्राएं सक्रिय राजनीति में इसलिए नहीं आना चाहती कि उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर के काफी चिंता रहती है. उनके मां-बाप भी उन्हें सक्रिय छात्र राजनीति में आने की अनुमति नहीं देते हैं. उनका यह कहना रहता है कि दिल्ली बहुत बड़ा शहर है. वहां पर रहकर राजनीति करना सुरक्षित नहीं है. डूसू की इस पहल से एक अच्छा संदेश जाएगा.

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प्रीति सिंह नैन, किरोड़ीमल कॉलेज:प्रीति सिंह नैन ने बताया कि वह डीयू के किरोड़ीमल कॉलेज में बीएससी जियोलॉजी द्वितीय वर्ष की छात्र हैं. वह हिसार हरियाणा की रहने वाली हैं. जब उन्हें एक दिन की डूसू अध्यक्ष के रूप में चुना गया तो उन्होंने अपने घर पर यह बात बताई. लेकिन घर वालों ने विश्वास नहीं किया. फिर जब उन्होंने इससे संबंधित एक साइन लेटर परिवार को भेजा तब उन्हें विश्वास हुआ. परिवार के लोग बहुत खुश हुए. प्रीति ने कहा कि वह महिला सशक्तिकरण की डूसू की इस पहल का और इसके लिए डूसू अध्यक्ष तुषार डेढ़ा के योगदान की सराहना करती हैं. नवरात्रि के दिनों में यह एक बहुत ही अच्छी शुरुआत है. प्रीति ने कहा कि वह महिला सशक्तिकरण की डूसू की इस पहल का और इसके लिए डूसू अध्यक्ष तुषार डेढ़ा के योगदान की सराहना करती हैं.

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Last Updated : Apr 10, 2024, 10:40 AM IST

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