नई दिल्ली/गाजियाबाद: साहिबाबाद थाना पुलिस ने मोहननगर क्षेत्र में हुई गला रेतकर हत्या के मामले का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के अनुसार, हत्या की वजह मृतक द्वारा एक महिला को गलत निगाह से देखना था, जिससे आरोपियों के बीच विवाद हुआ और उसने अपने साथी की जान ले ली. 15 नवंबर 2024 को अशोक लीलैंड कंपनी के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा हुआ मिला. सूचना मिलने पर मौके पहुंची पुलिस ने शव का मुआयना किया. मृतक के गले पर धारदार हथियार से कटने के निशान और शरीर पर जानवरों द्वारा काटे जाने के निशान पाए गए.
पुलिस ने शव की पहचान की कोशिश की तो पता चला कि मृतक कबाड़ बीनने का काम करता था और इलाके में "सरदार" के नाम से जाना जाता था. मृतक का पूरा नाम और पता किसी को मालुम नहीं था. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज तथा मुखबिर की सूचना पर 16 नवंबर को राजीव कॉलोनी स्थित बंद फैक्ट्री से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया.
लाखों की ठगी के मामले में गिरोह का पर्दा फाश (Etv bharat) पूछताछ में खुलासा:गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 44 वर्षीय सागर और 54 वर्षीय हरिओम के रूप में हुई. दोनों आरोपी मृतक के साथ कबाड़ बीनने का काम करते थे. सागर अपनी झोपड़ी में एक महिला को पत्नी के रूप में रखता था. मृतक उस महिला को गलत निगाह से देखा था, जिससे सागर और हरिओम नाराज हो गए थे.14-15 नवंबर की रात तीनों ने शराब पी और नशे में इस मुद्दे को लेकर झगड़ा हुआ. सागर और हरिओम ने गुस्से में आकर सरदार को चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी. आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल खून से सना चाकू बरामद किया गया है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है.
गाजियाबाद में ठगी का खुलासा:
गाजियाबाद की साइबर क्राइम टीम ने ऑनलाइन सरिया खरीदने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने बिहार के नवादा जिले से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामले में 29 एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन और ठगी के जरिए अर्जित 1.77 लाख रुपये बरामद किए गए हैं. 25 सितंबर 2024 को एक व्यक्ति से 14.90 लाख रुपये की ठगी की गई थी. आरोपियों ने जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के नाम पर फर्जी रसीद बनाकर सरिया बेचने का झांसा दिया. ठगी का पता तब चला जब ग्राहक को सरिया की डिलीवरी नहीं मिली और ठगी की जानकारी सामने आई.
ठगी का तरीका:गिरोह ने फर्जी वेबसाइट बनाई और उसे गूगल पर विज्ञापन देकर टॉप पर दिखाया. वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क करने वाले ग्राहकों को ऑनलाइन भुगतान के लिए कहा जाता था. भुगतान के बाद, ग्राहकों को जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड की नकली रसीद व्हाट्सऐप पर भेज दी जाती थी. इसके बाद सरिया की डिलीवरी के नाम पर बार-बार पैसे मांगे जाते थे.
गिरफ्तार आरोपी:गिरोह का मास्टरमाइंड 28 वर्षीय छोटे लाल चौधरी उर्फ घमंडी और उसका सहयोगी 25 वर्षीय राजेश राय उर्फ अजय हैं. छोटे लाल चौधरी पर पहले भी दिल्ली और सोनीपत में साइबर अपराध के मुकदमे दर्ज हैं. उसने ठगी से कमाए पैसों से बिहार के नवादा जिले में एक मॉल भी खोला है. राजेश राय गिरोह के खातों में आए पैसे एटीएम से निकालता और कमीशन लेकर मुख्य आरोपी को देता था.
पुलिस की कार्रवाई:दोनों आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार कर गाजियाबाद लाया गया और पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया. पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने साइबर अपराध के जरिए बड़ी संपत्ति अर्जित की है, जिसकी जांच जारी है. साइबर क्राइम टीम ने आम लोगों से अपील की है कि ऑनलाइन लेन-देन करते समय सतर्क रहें और फर्जी वेबसाइटों से बचें.
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