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इरादा क्या था?, गया में इंसास राइफल के 414 कारतूस बरामद, नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की संलिप्ता! - GAYA POLICE

गया में नक्सली के खिलाफ बड़ी कार्रवाई जारी है. इसबार सर्च ऑपरेशन में पुलिस ने जंगल से इंसास राइफल के 414 कारतूस बरामद की है.

Gaya Police Action Against Naxali
गया पुलिस की कार्रवाई में बरामद कारतूस (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 29, 2024, 7:13 AM IST

गया:बिहार की गया पुलिस ने जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाकर इंसास राइफल के 414 कारतूस और कई कागजात बरामद की है. ऐसे में सवाल उठता है कि नक्सलियों का इरादा क्या था. इतनी सारी गोलियों का इस्तेमाल कहां होना था? इन सभी सवालों के जवाब गया पुलिस ढूंढ़ रही है. बता दें कि गया पुलिस नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है, इसके बावजूद नक्सलियों की गतिविधि कम नहीं हो रही है.

एक्शन में गया पुलिस: गया पुलिस ने यह कार्रवाई लुुटुआ थाना क्षेत्र में की है. इस कार्रवाई में इंसास राइफल के कारतूस, नक्सली संगठन भाकपा मााओवादी के नाम से रहे नक्सली रसीद, पिट्ठू बैग आदि बमराद किए गए हैं. इस कार्रवाई की पुष्टि गया एसएसपी आशीष कुमार ने की. उन्होंने कहा कि इस मामले में नक्सली संगठन के बारे में पता लगाया जा रहा है.

"नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है. नक्सलियों के गतिविधियों की सूचना पर सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन चला. लुटुआ थाना अंतर्गत पहाड़ी वाले इलाके से 414 पीस इंसास राइफल के कारतूस, 56 नक्सली पर्ची की बरामदगी की गई है. इससे नक्सलियों की कमर और टूटेगी. मामले में अग्रतर कार्रवाई की जा रही है."-आशीष भारती, एसएसपी गया.

फरार हुए नकस्ली: पुलिस के मुताबिक जो नक्सली पर्चा मिले हैं उसमें नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के नाम लिखे हैं. माना जा रहा है कि इसी पर्ची से लेवी आदि की मांग की जाती है. हालांकि इस कार्रवाई में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. सुरक्षा बलों के आने की भनक लगते ही नक्सलियों का दस्ता भाग निकलने में सफल रहा. नकस्लियों के खिलाफ लुटुआ थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

भाकपा माओवादी: भाकपा माओवादी (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी) देश का एक प्रमुख नक्सली संगठन है. खूंखार नकस्लियों के द्वारा इसकी स्थापना की गयी थी. दरअसल, माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर यानी एमसीसी और भाकपा माले, पीपुल्सवार ने 21 सितंबर 2004 को आपस में विलय हो गए. 22 जून 2009 को केंद्र सरकार ने इसे आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया. आंध्रप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा जैसे राज्यों इसपर प्रतिबंध है. इसके बावजूद चोरी-छिपे संगठन के द्वारा नक्सली गतिविधि की जाती रही है.

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