श्रीनगर: उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता और खूबसूरत वादियों के लिए देश-विदेश में जाना जाता है. यहां कई दर्शनीय और खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं, जो पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं. साथ ही उत्तराखंड में कुछ जगहें ऐसी भी हैं, जो अभी तक पर्यटकों की नजरों से ओझल हैं. इन्हीं जगहों को पर्यटकों की नजरों में लाने के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्वतीय पर्यटन एवं आतिथ्य केंद्र द्वारा सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ का सर्वे कर उसे पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने का काम किया जा रहा है.
सुमित्रानंदन पंत के जीवन से जुड़ा है पर्यटन सर्किट:इस पर्यटन सर्किट के माध्यम से पर्यटकों को सुमित्रानंदन पंत के जीवन से भी जोड़ा जाएगा. वहीं उत्तराखंड घूमने आने वाले लोगों के लिये भी पर्यटन सर्किट के रूप कई पर्यटक स्थलों की सौगात मिलेगी. इस पर्यटन सर्किट को ग्रामीण पर्यटन, हेरिटेज वॉक, नेचर वॉक और हिमालय दर्शन से जोड़कर बनाया जाएगा.
90 किलोमीटर का होगा पूरा पर्यटन सर्किट:इसके अलावा यह पर्यटन सर्किट साहित्य प्रेमी, रचनाकार और वाइल्ड लाइफ में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिये खास होगा. यह पर्यटन सर्किट लगभग 90 किलोमीटर का होगा. गढ़वाल विवि के पर्यटन विभाग के परियोजना अधिकारी डॉ. सर्वेश उनियाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि छायावाद के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंद पंत का पैतृक गांव स्यूंनराकोट रहा है और कौसानी में उनका लालन-पालन हुआ है. साहित्यकार, फ़िल्म मेकर्स और प्रकृति प्रेमी लोगों को पंत के जीवन और इन पर्यटक स्थलों की ओर आकर्षित करने के लिए इस पर्यटन सर्किट का सर्वे किया जा रहा है.