जमशेदपुर: जिले के मानगो नगर निगम क्षेत्र में साफ-सफाई की व्यवस्था चरमरा गई है. निगम के पास कचरा फेंकने की जगह नहीं होने के कारण कचरा उठाव बंद होने से पूरे क्षेत्र में कूड़े-कचरे का ढेर लग गया है. मानगो नगर निगम के सहायक आयुक्त ने इस मामले में वैकल्पिक व्यवस्था का आश्वासन दिया है, जबकि क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने कहा है कि सरकार की गलती का खामियाजा जनता भुगत रही है.
जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के मानगो नगर निगम के इलाके में जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है. दरअसल नगर निगम के पास कचरा उठाव करने के बाद उसे फेंकने की जगह नहीं होने से समस्या उत्पन्न हुई है. बता दें कि मानगो नगर निगम क्षेत्र में प्रतिदिन लगभग 52 एमटी कचरा निकलता है. पिछले कई दिनों से कचरा का उठाव नहीं होने से बदबू से क्षेत्र की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों को बीमारी का डर सता रहा है.
नगर निगम के गोविंदपुर के खैरबनी गांव स्थित सामूटोला में 40 एकड़ भूखंड पर प्रस्तावित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट योजना 2007 से प्रस्तावित है. लेकिन स्थानीय विरोध की वजह से योजना धरातल पर उतर नहीं सकी है. साल 2009 में ट्रीटमेंट प्लांट बनाने को मंजूरी मिली थी, जिसका डीपीआर 33 करोड़ 36 लाख रुपए था. बाद में योजना के डीपीआर में लागत बढ़कर 78 करोड़ रुपए हो गया. जेएनएसी की जगह आदित्यपुर नगर निगम को योजना की नोडल एजेंसी बनाई गई. योजना धरातल पर उतर नहीं सकी है. इससे जेएनएसी, मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर पालिका और आदित्यपुर नगर निगम के पास अभी भी कचरा डंपिंग में परेशानी है.
इस मामले को लेकर मानगो नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त आकिब जावेद ने बताया कि कचरा उठाव के लिए वैकल्पिक व्यवस्था को देखा जा रहा है. जिसको लेकर बेताकोचा के स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत चल रही है. जल्द ही कचरा उठाव हो सके, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
लोगों की परेशानी को देखते हुए जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा है कि मानगो नगर निगम में कचरा निष्पादन की समस्या झारखंड सरकार और क्षेत्र के पूर्व विधायक की लापरवाही की देन है. सरकार ने मानगो क्षेत्र को नगर निगम बना दिया, लेकिन क्षेत्र में घरों से निकलने वाला कचरा कहां डंप होगा इसकी व्यवस्था नहीं की. उन्होंने बताया कि पूर्व में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और मानगो नगर निगम ने एनजीटी के सामने शपथ पत्र दिया था कि यथाशीघ्र वे मानगो के कचरा डंपिंग स्थल का चयन कर लेंगे.