उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री के चारधाम यात्रा को रामनगर से शुरू कराने के प्रस्ताव का विरोध किया है. पुरोहितों ने कहा अगर चारधाम की सनातनी प्रथा से खिलवाड़ किया जाता है तो इसके खिलाफ चारों धामों में विरोध कर उग्र आंदोलन किया जाएगा.
शनिवार को गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने एक बैठक की, जिसमें मुख्यमंत्री के प्रस्ताव का विरोध किया गया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन प्रेषित किया गया. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि अब चारधाम यात्रा को रामनगर से शुरू किया जाएगा, जो कि सनातनी परंपरा पर कुठाराघात है. सदियों से चारधाम यात्रा हरिद्वार-ऋषिकेश से शुरु होकर यमुनोत्री, गंगोत्री सहित केदारनाथ, बदरीनाथ में समाप्त होती है.
चारधाम यात्रा के पारंपरिक रूट का उल्लेख केदारखंड में भी है, लेकिन उसके बावजूद भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी मर्जी से यात्रा के पूरे स्वरूप को ही बदलना चाहते हैं. इसलिए अगर प्रदेश सरकार अपनी मनमानी करती रही तो इसके खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा इस बार पहले ही यात्रा सीजन छोटा है,जिसके चलते चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसाययों को घाटा हो गया. पहले ही प्रदेश सरकार के मनमाने रवैये के कारण चारधाम यात्रा पर बुरा असर पड़ा है. जिसके चलते यात्रा धीमी पड़ गई है. अब मुख्यमंत्री इस तरह के बयान दे रहे हैं कि रामनगर से चारधाम यात्रा को शुरू करेंगे, जिसका तीर्थपुरोहित पुरजोर विरोध करेंगे. उन्होंने पीएम मोदी से इस संबंध में राज्य सरकार को निर्देशित करने की मांग की है.
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