हजारीबागःजिले में बड़ा फ्रॉड का मामला प्रकाश में आया है. फर्जी कंपनी बना कर लगभग 100 करोड़ रुपये से भी अधिक का कोयला बेच डाला गया और एक गरीब किसान को फंसा दिया गया. बनारस जीएसटी डिपार्टमेंट ने किसान को दो करोड़ रुपये क्लेम का नोटिस भेजा है. वहीं मामले में 54 करोड़ रुपये के जीएसटी धोखाधड़ी का मामला मुफस्सिल थाना में दर्ज किया गया है.
फ्रॉड की जानकारी देते भुक्तभोगी किसान मुकेश कुमार और केंद्रीय जीएसटी विभाग के सहायक आयुक्त का बयान. (वीडियो-ईटीवी भारत) किसान के दस्तावेजों का दुरुपयोग
हजारीबाग के हुटपा निवासी किसान मुकेश कुमार सिंह के साथ यह फ्रॉड हुआ है. उनके दस्तावेजों का गलत तरीके से उपयोग कर तीन फर्जी कोयला कंपनियों ने जीएसटी नंबर हासिल किया और हजारों टन कोयला की खरीद-बिक्री कर 54 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया है. अब बनारस जीएसटी डिपार्टमेंट ने किसान को दो करोड़ रुपये क्लेम का नोटिस भेजा है.
मुफस्सिल थाना में धोखाधड़ी का केस दर्ज
इस संबंध में भुक्तभोगी किसान मुकेश ने बताया कि वे अत्यंत ही गरीब हैं. माली हालत ऐसी है कि बच्चों की स्कूल फीस भरने में परेशानी होती है. नोटिस से किसान के पूरे परिवार की नींद उड़ गई है. वहीं मामले में कांड संख्या 16/25 के तहत थाना में केस दर्ज कर लिया गया है.
जांच में तीन फर्जी कंपनियों का खुलासा
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि किसान मुकेश कुमार के नाम पर निजी कंपनी ने कोयला कारोबार किया है. इस मामले में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है. पुलिस की जांच में पता चला है कि कंपनियों का हजारों टन कोयला का जीएसटी 2022 से नवंबर 2024 तक 54 करोड़ रुपये बकाया है.
फ्रॉड का ऐसे चला पता
नोटिस मिलने के बाद मुकेश कुमार को समझ में नहीं आया कि आखिर मामला क्या है, क्योंकि नोटिस अंग्रेजी में है और मुकेश अधिक पढ़े-लिखे नहीं है. इसलिए उन्होंने अपने मित्र की मदद ली. मित्र नोटिस लेकर हजारीबाग के एक सीए के पास पहुंचा. साथ ही जीएसटी कार्यालय के पदाधिकारी से भी मुलाकात की. तब जाकर पूरी बात खुलकर सामने आई.
इसके बाद मुकेश कुमार के होश उड़ गए. जीएसटी नंबर लेने के लिए जनधन अकाउंट का उपयोग किया गया है. वहीं किसान के पैन कार्ड भी इसके लिए उपयोग में लाया गया. फर्जी फोन नंबर और फर्जी ई-मेल बनाकर जीएसटी नंबर लिया गया. इसके बाद से यह गोरखधंधा शुरू किया गया है. जीएसटी नंबर देने के लिए बड़कागांव की एक जमीन का ब्योरा दिया गया है. जबकि भुक्तभोगी की जमीन बड़कागांव में नहीं है.
क्रेडिट कार्ड के नाम पर लिए गए थे दस्तावेज
पुलिस ने अब तक की जांच में पाया है कि तीन साल पहले मुकेश के पास कुछ लोग पहुंचे थे. उन्हें क्रेडिट कार्ड का लालच दिया गया था. लोभ में आकर मुकेश ने क्रेडिट कार्ड के लिए अपना दस्तावेज दिया था. इसके बाद उन्हें पता नहीं. पुलिस के अनुसार उनकी जमीन के कागज, पैन कार्ड और पासबुक का दुरुपयोग कर फर्जी ई-मेल आईडी क्रिएट कर गलत फोन नंबर का सहारा लेते हुए जीएसटी फॉर्म लिया गया. उनके नाम से फर्जी जीएसटी नंबर के सहारे यह हेराफेरी की गई है.
सहायक आयुक्त ने लोगों को किया सतर्क
हजारीबाग में पदस्थापित केंद्रीय जीएसटी विभाग के सहायक आयुक्त राज कुमार प्रसाद ने कहा कि इस तरह के कई फ्रॉड के मामले इन दिनों प्रकाश में आ रहे हैं. गलत तरीके से जीएसटी नंबर लेकर व्यापार किया जा रहा है. इसे लेकर फर्जी पैन कार्ड, आधार कार्ड , पासबुक का उपयोग किया गया है. उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि कहीं भी दस्तावेज देने से पूर्व पूरी सावधानी बरतें. जांच-परख कर ही अपना दस्तावेज दें. उन्होंने यह भी कहा है कि अगर इस तरह का मामला आता है तो संबंधित पदाधिकारी से मुलाकात कर आवेदन दें. साथ ही साइबर थाना को भी इसकी सूचना दें.
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