लखनऊ : देश भर में रोजाना हजारों युवा ठगी का शिकार हो रहे हैं. इनमें अधिकांश युवा वे होते हैं जो या तो नौकरी की तलाश में हैं या फिर किसी जैकपॉट लगने की फिराक में रहते हैं. जालसाज ऐसे ही युवाओं के फंसाने के लिए तरह तरह के चक्रव्यूह रचते हैं. यूपी की राजधानी में भी ऐसे ही युवाओं से ठगी हुई है. लखनऊ में जालसाजों का जाल ऐसा है कि यहां दर्ज होने वाले मामलों में 70 प्रतिशत धोखाधड़ी और 30 प्रतिशत स्ट्रीट क्राइम व अन्य अपराधों के होते हैं. इन 70 प्रतिशत मामलों में अधिकांश नौकरी और लॉटरी के नाम पर हुई धोखाधड़ी के होते हैं.
साइबर एक्सपर्ट अमित मिश्रा के मुताबिक जालसाज अलग अलग तरीकों से ठगी को अंजाम देते हैं. जैसे नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले राजधानी से दूर आसपास के जिलों में अपना जाल बिछाते हैं. इसके लिए उनके पास खुद के एजेंट होते हैं. ये एजेंट खुद को सरकारी विभाग का कर्मचारी बताकर युवाओं से संपर्क करता है. फिर उन्हें उस विभाग के ऑफिस में बुलाया जाता है. इसके बाद नौकरी दिलाने का झांसा दिया जाता है. असल में विभागीय इमारत बड़ी होने के चलते वहां कोई भी उन पर शक करता ही नहीं है. युवा को पहले ही बताया जाता है कि किसी के भी सामने संबंधित अफसर या कर्मचारी की चर्चा न करें नहीं तो नौकरी लगने की संभावना कम हो जाती है. इसके बाद ऑफिस की ही कैंटीन या फिर आगंतुक कक्ष में मीटिंग होती है और युवा को भरोसे में ले लिया जाता है.
गैंग अलग अलग तरीके से करते है ठगी
नाइजीरियन गैंग का तरीका जॉब फ्रेंड, ईमेल स्पूफिंग और फिशिंग और लाटरी फ्राड का है. बीते एक दशक में इस तरह की ऑनलाइन ठगी में नाइजीरियन गैंग के ही लोगों की संलिप्तता सामने आई है. लखनऊ में साइबर सेल ने आगरा में एक व नोएडा में कई नाइजीरियन लोगों को गिरफ्तार किया था.
रोमानियन गैंग के जालसाज एटीएम क्लोनिंग का सहारा लेते हैं. रोमानियन गैंग बीते कई वर्षों से सक्रिय है. राज्यभर में एटीएम क्लोनिंग से अब तक करोड़ की ठगी हुई है. इस गैंग ने पीएनबी के एटीएम में स्कीमर मशीन लगाई थी. इस गैंग के मेंबर टूरिस्ट बनकर सर्दी के मौसम में दिल्ली और मुंबई आते है और ठगी करक चले जाते हैं.