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पूर्णिया के सौरा नदी में चार स्कूली छात्र डूबे, दो को नाविकों ने बचाया, दो लापता - Purnea students drowned

Purnea Saura river पूर्णिया के सौरा नदी में नहाने के क्रम में चार स्कूली छात्र डूब गये. दो बच्चों को नाविकों ने बचा लिया वहीं दो छात्र लापता हैं. सभी छात्र स्कूल से पढ़ाई कर लौट रहे थे, तभी घर जाने के बजाय नदी में स्नान करने चले गये. इस घटना के बाद नदी किनारे बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गयी. पढ़ें, विस्तार से.

नदी किनार जुटी भीड़.
नदी किनार जुटी भीड़. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 17, 2024, 7:25 PM IST

पूर्णियाःबिहार के पूर्णिया स्थित सौरा नदी में शनिवार को चार स्कूली छात्र नहाने के क्रम डूब गए. दो छात्रों को उधर से जा रहे नाविक ने बचा लिया. मगर, दो छात्र लापता हैं. स्थानीय गोताखोर उन्हें ढूंढने में लगे हैं. एक साथ चार बच्चे के डूबने की खबर पर नदी के आसपास बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गयी. स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंची. लापता बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था.

मौके पर पहुंची पुलिस. (ETV Bharat)

कैसे घटी घटनाः घटना मुफस्सिल थाना के बेलौरी की है. लापता बच्चों के नाम आफताब आलम और मों साहिल बताये जा रहे हैं. जिन बच्चों को डूबने से बचा लिया गया उनके नाम अमन आलम और मिट्ठू आलम है. ये चारो बच्चे जिला स्कूल के छात्र हैं. सभी नौंवी और 10 वीं कक्षा में पढ़ते हैं. उनकी उम्र लगभग 15 वर्ष बतायी जा रही है. घटना के बाबत बताया गया कि चारों बच्चे जिला स्कूल से पढ़कर लौट रहे थे, तभी सौरा नदी नहाने चले गए.

नाविक ने बचायी जानः घटना की जानकारी बच्चों के परिजनों को जैसे मिली वो नदी की ओर दौड़ पड़े. जिन दो बच्चों की जान नाविकों ने बचाई थी उन्होंने बताया कि उनलोगों ने बच्चों के चिल्लाने की आवाज सुनी. उन्होंने बताया कि जब दो बच्चे डूब रहे थे अन्य दोनों ने उनको बचाने की कोशिश की थी. इस दरम्यान वो दोनों भी डूबने लगे. उनके चिल्लाने की आवाज सुनकर नाविक वहां पहुंचा था. दो बच्चों को बचा लिया.

सौरा नदी. (ETV Bharat)

परिजनों का रो-रोकर बुरा हालः सूचना मिलते ही परिजन और मुफस्सिल थाना की पुलिस मौके पर पहुंची. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. स्थानीय गोताखोर लापता दोनों बच्चों की तलाश कर रहे थे. वहां मौजूद लोगों को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि यह क्या हो गया. उनका कहना था कि बच्चों को पढ़ने के लिए भेजा गया था तो उन्हें नदी किनारे नहीं जाना चाहिए था. वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना था कि जब बच्चों को तैरना नहीं आता था, तो नदी में नहीं उतरना था.

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