गोपालगंज:बिहार के गोपालगंज में सॉल्वर गैंगके 4 शातिरों को गिरफ्तार किया गया है. जिले के नगर थाना की पुलिस ने ये कार्रवाई की है. जिन लोगों को पकड़ा गया है, उनमें जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी भी शामिल है. पुलिस इन चारों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. इन लोगों के पास से कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड और सर्टिफिकेट भी बरामद हुए हैं.
कौन है गिरफ्तार आरोपी?:सॉल्वर गैंग के सदस्यों में नालंदा जिले के नगरनवसा थाना क्षेत्र के खपुरा गांव निवासी और वर्तमान में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सुरेन्द्र कुमार पासवान, महम्मदपुर थाना क्षेत्र के डुमरिया गांव निवासी रामसकल सिंह का बेटा अभिषेक कुमार उर्फ शिवदानी कुमार सिंह, थावे थाना क्षेत्र के हरदिया गांव निवासी और बिजली विभाग में बरौली बरौली सब डिविजन के स्विच बोर्ड ऑपरेटर मनोज कुमार सिंह का बेटा रंजित कुमार सिंह और सिधवलिया थाना क्षेत्र के विशुनपुरा गांव निवासी रामेश्वर प्रसाद का बेटा दीपक कुमार शामिल है.
प्रश्न पत्र के नाम पर 40 हजार की ठगी:असल में नगर थाना में मन्नु कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उसने आरोप लगाया कि प्रश्न पत्र के लिए उससे 40,000 रुपये की ठगी की गई है. उसके लिखित आवेदन के आधार पर पुलिस ने मामले की त्वरित जांच शुरू कर दी. इस दौरान सदर एडीपीओ प्रांजल के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया.
कैसे हुई चारों की गिरफ्तारी?: पुलिस सूत्रों के मानें तो गठित टीम सिविल ड्रेस में परीक्षार्थी बनकर अरार मोड़ स्थित बिजली विभाग के कंट्रोल रूम पहुंची और ऑपरेटर रंजीत कुमार से प्रश्न पत्र को लेकर बातचीत की. जिसके बाद उसने पैसे की डिमांड समेत कई अहम बातें बताई. जिसके बाद पुलिस ने मौके से ही इस गैंग में शामिल चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ लेकर चली गई. पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से कई अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड, कुछ सर्टिफिकेट और मोबाइल जब्त किया गया है.
क्या बोले गोपालगंज एसपी?:पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने चारों आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि सदर एसडीपीओ प्रांजल के नेतृत्व में पुलिस की टीम गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ कर पूरे रैकेट को खंगालने में जुटी हुई है. तफ्तीश के क्रम में चार कोचिंग संस्थानों में भी पुलिस ने छापेमारी की है. कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. एसपी ने बताया कि ठगी करने वाले गिरोह का पता चलने के बाद सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में छापेमारी के लिए टीम गठित की गई थी.