जयपुर:नई शिक्षा नीति में मातृभाषा और बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा रहा है. ये कहना है पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी का. वे जयपुर के एक प्राइवेट स्कूल के एलुमनी टॉक शो में भाग लेने आई थी. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अलावा परफेक्ट फैमिली और आदर्श शिक्षक जैसे सवालों का भी खुलकर जवाब दिया. हालांकि वे दिल्ली में बढ़ती उनकी सक्रियता पर कुछ भी बोलने से बचती नजर आई.
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (ETV Bharat Jaipur) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर बोलते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उन्हें नई शिक्षा नीति बनाने में योगदान देने का मौका मिला. उसके पीछे मंशा यही थी कि मातृभाषा में ज्यादा से ज्यादा अवसर बच्चों को प्रदान किया जा सके, ताकि वह नई तकनीकी शिक्षा को ग्रहण कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी काबिलियत दिखा पाए.
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अभी भी अंग्रेजी भाषा को ही प्रमोट करने के सवाल पर स्मृति ईरानी ने कहा कि अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक वर्किंग लैंग्वेज है, लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत हमारे देश की जितनी भी मातृभाषा है, उसमें प्रोत्साहित किया जाता है. बच्चा फाउंडेशन एजुकेशन करना चाहे तो शैक्षिक संस्थान और शिक्षा प्रणाली ऐसे बच्चों की मदद करेगी. उन्होंने कहा कि महिला होने के नाते एक विशेष अभिनंदन इस बात का भी है कि नई शिक्षा नीति में पहली बार बेटियों की शिक्षा के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की व्यवस्था की गई है, जिससे बेटियां राष्ट्र को सशक्त करने में अहम भूमिका निभा सकेंगी.
शिक्षा नीति का क्रियान्वयन राज्यों की जिम्मेदारी: 4 साल बाद भी नई शिक्षा नीति को पूरी तरह धरातल पर नहीं उतारा जा सका. इस सवाल पर स्मृति ईरानी ने कहा कि हमारे देश में शिक्षा संविधान की कॉन्करेन्ट (समवर्ती) सूची का विषय है. राष्ट्रीय स्तर की पॉलिसी केंद्र की सरकार बनाती है. उसको जिले पर उतारना हर प्रदेश की सरकार की जिम्मेदारी है. आने वाले समय में पाठ्यक्रम बदलाव, शिक्षक प्रशिक्षण और इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करने का प्रयास किया जाएगा. बहुत जल्द हर प्रदेश धरातल पर इस नीति को पहुंचाएगा.
पिटाई करने वाला शिक्षक आदर्श नहीं हो सकता: इससे पहले टॉक शो में उन्होंने कहा कि किसी भी पॉलिसी मेकर ने पुरुष शिक्षक को छात्रों को मारने-पीटने और छूने की अनुमति नहीं दी है. कोई शिक्षक ऐसा करता है तो वह कभी भी आदर्श शिक्षक नहीं हो सकता. आदर्श शिक्षक वही है जो नियम कानून को फॉलो करे. सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली परफेक्ट फैमिली फोटोग्राफ्स को लेकर उन्होंने कहा कि यदि किसी घर में डिबेट नहीं हो रही, नोक झोक नहीं हो रही, खुशी और गुस्से में आंसू नहीं निकल रहे, क्या वो एक फैमिली गैदरिंग हो सकती है. सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली फोटोग्राफ्स को देखकर परफेक्ट फैमिली का इमेज क्रिएट नहीं करना चाहिए. परफेक्ट फैमिली वही है जो सब परिस्थितियों के बावजूद एक दूसरे के साथ रहना पसंद करते हैं और एक दूसरे का सम्मान करते हैं.