अजमेर: अजमेर में दस दिवसीय अखिल भारतीय किन्नर महासम्मेलन 16 फरवरी से होगा. किन्नर समाज की अजमेर गद्दी की गुरु रही अनिता बाई की याद में होने वाले इस महासम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से करीब साढ़े चार हजार किन्नर शिरकत करेंगे. इनमें किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर रही लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी भी शामिल होंगी. यह अजमेर के वैशाली नगर स्थित एक प्राइवेट स्कूल में होगा.
अजमेर किन्नर समाज की गद्दी पर आसीन सलोनी बाई ने पत्रकारों को बताया कि यह एक प्रकार से किन्नर समाज का कुंभ होगा. महासम्मेलन की तैयारी शुरू हो चुकी है. इसमें 16 फरवरी से किन्नरों का आना शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि 20 वर्ष बाद ऐसा मौका आया है, जब बड़ी संख्या में किन्नर समाज एक जगह पर जुटेगा. इसको लेकर किन्नर समाज में काफी उत्साह और खुशी का माहौल है. उन्होंने बताया कि 10 दिवसीय किन्नर महासम्मेलन में समाज की उन्नति, समाज की छवि, शिक्षा, सामाजिक और कानूनी अधिकार समेत विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा होगी. 15 फरवरी को किन्नरों की आराध्य देवी बहुचरा माता का हवन होगा.
गुरु की याद में होगा आयोजन: सलोनी बाई ने बताया कि किन्नर समाज में गुरु शिष्य परंपरा है. इसका सभी सम्मान करते हैं. उनसे पहले अनिता बाई गादीपति थी. बारह वर्ष पहले उनके निधन के बाद गद्दी पर मुझे बैठाया गया. उनकी याद में ही अखिल भारतीय किन्नर महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. सलोनी बाई ने बताया कि एक वर्ष पहले पीले चावल करने की रस्म निभाई गई थी. इसके बाद अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां रहने वाले किन्नर समाज के लोगों से संपर्क किया गया और उन्हें अजमेर में होने वाले अखिल भारतीय किन्नर महासम्मेलन के लिए पीले चावल देकर निमंत्रण दिया गया.
राजस्थानी संस्कृति से रूबरू होगा किन्नर समाज: सलोनी बाई ने बताया कि विभिन्न प्रांतों से आने वाले किन्नर समाज के लोग राजस्थानी संस्कृति से भी रूबरू होंगे. सभी के लिए राजस्थानी भोजन बनाया जाएगा. बाहर से आने वाले मेहमानों को अजमेर के प्रमुख धार्मिक व पर्यटक स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे. गुजरात के मेहसाणा से 40 किलोमीटर दूर किन्नरों की आराध्य देवी बहुचरा माता का मंदिर है. माता बहुचरा के नाम का अनुष्ठान भी महासम्मेलन के दौरान होगा.
इस प्रकार रहेंगे कार्यक्रम
- 16 जनवरी को आगंतुकों का स्वागत.
- 17 फरवरी को खिचड़ी तुलाई रस्म. इसमें खिचड़ी की सामग्री को पंचों के सामने तोला जाएगा.
- 18 फरवरी को चाक पूजा होगी. शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम.
- 19 और 20 फरवरी को भात ( मायरा )भरा जाएगा. किन्नर समाज में आपस में ही भाई बहन के रिश्ते बनाते हैं. ऐसे में रिश्तों को सम्मान देते हुए भात का कार्यक्रम होगा. इसमें एक दूसरे को कपड़े और आवश्यक सामग्रियां भेंट की जाएगी.
- 21 फरवरी को किन्नर समाज का जुलूस. यह शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ बजरंगगढ़ चौराहे स्थित अम्बे माता मंदिर पहुंचेगा. यहां माता को चुनरी चढ़ाई जाएगी. इसके अलावा सवा किलो चांदी का छत्र भी माता को अर्पित किया जाएगा.
- 22 फरवरी को समाज की ओर से स्थानीय जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोगों का सम्मान.
- 23 फरवरी को महासम्मेलन में आए किन्नरों के अखिल भारतीय मेहमानों का सम्मान.