मोतिहारी:पूर्व राष्ट्रपतिरामनाथ कोविंदने पूर्वी चंपारण जिले के पिपराकोठी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित तीन दिवसीय किसान उन्नति मेला 2025 का उद्घाटन किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने एक बार फिर बिहार के प्रति अपना प्रेम जाहिर किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे अगस्त 2015 में बिहार की धरती पर आने का सौभाग्य मिला. 5 साल तक बिहार की धरती की सेवा के लिए आया था लेकिन पौने दो साल में मुझे दिल्ली बुलाया गया और मैं राष्ट्रपति भवन पहुंच गया. पटना राजभवन से सीधे राष्ट्रपति भवन पहुंचने का श्रेय बिहार की धरती को जाता है.
'बिहारी राष्ट्रपति की पदवी केवल मुझे ही मिली':रामनाथ कोविंद ने कहा कि जिस दिन राष्ट्रपति पद को लेकर मेरे नाम की घोषणा हुई थी, उस दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे पास आए और कहा कि आप पहले ऐसे राज्यपाल हैं, जो सीधे राज्यपाल से राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. इसस पहले जाकिर हुसैन राज्यपाल से उपराष्ट्रपति बने, फिर राष्ट्रपति बने. उन्होंने उस दिन की घटना को याद करते हुए कहा कि मुझे पौने दो साल में जो सम्मान मिला, उसे मैं आज भी याद रखता हूं. सभी यही कहते हैं कि मैं आपको राष्ट्रपति तो मानता हूं लेकिन उसके साथ-साथ मैं आपको बिहारी राष्ट्रपति कहता हूं. ये बिहारी राष्ट्रपति की पदवी सिर्फ मुझे ही मिलने का सौभाग्य मिला है.
"ये बिहारी राष्ट्रपति की जी पदवी है, वो केवल मुझे ही मिलने का सौभाग्य मिला. आप सब से मिला, आपकी धरती से मिला. उसको मैं सिर-माथे नवाता हूं और उसके लिए आप सबका आभार भी व्यक्त करता हूं."-रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति
किसान उन्नति मेला में हुए शामिल:पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किसान उन्नति मेले को संबोधित करते जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों के समक्ष आ रही चुनौतियों के बारे में भी बात की. उन्होंने रासायनिक उर्वरक के प्रयोग से खेती को हो रहे नुकसान की चर्चा करते हुए प्राकृतिक खाद के उपयोग का सुझाव दिया. साथ ही उन्होंने सहकारिता के महत्व के बारे में भी बताया.