रांची:भाजपा सरकार में मंत्री और दुमका की पूर्व विधायक लुईस मरांडी झामुमो में शामिल हो गईं. उनके साथ गणेश महली और कुणाल षाड़ंगी भी झामुमो में शामिल हुए. सीएम हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन की मौजूदगी में सभी ने झामुमो का दामना थामा.
झामुमो में शामिल होने से पहले लुईस मरांडी ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. अपने इस्तीफे में लुईस ने बीजेपी पर अनदेखी समेत कई आरोप लगाए. दरअसल, 19 अक्टूबर को बीजेपी ने अपने 66 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी. इनमें कई नेता जो टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे उन्हें टिकट नहीं मिला.
भाजपा की लिस्ट जारी होने के बाद ऐसे नेताओं ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिए हैं. तभी से चर्चा थी कि लुईस मरांडी बीजेपी से नाराज हैं, क्योंकि उन्हें दुमका से टिकट नहीं दिया गया है.
वहीं, दूसरी तरफ लुईस मरांडी की दुमका सीट को सुनील सोरेन को दे दिया गया है. सुनील सोरेन दुमका से सांसद थे, लेकिन उनका टिकट काटकर सीता सोरेन को दिया गया. हालांकि सीता सोरेन लोकसभा चुनाव झामुमो के नलिन सोरेन से हार गईं. अब उन्हें जामताड़ा से टिकट दिया गया है.
पिछले दिनों जब दुमका से सुनील सोरेन को बीजेपी का संभावित उम्मीदवार बताया जा रहा था तो लुईस मरांडी के समर्थक सुनील सोरेन के समर्थक से भिड़ गए थे. दोनों के बीच ना सिर्फ तीखी नोकझोंक हुई थी बल्कि मामला चाकूबाजी तक पहुंच गया था.
यहां जानिए देर शाम का पूरा घटनाक्रम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन की मौजूदगी में लुईस मरांडी को जेएमएम की सदस्यता दिलाई गई. लुईस मरांडी के बारे में चर्चा है कि वे जामा सीट से जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ेंगी. सीएम आवास पर देर शाम पहुंचने वाले दूसरे नेता कुणाल सारंगी रहे. कभी झारखंड मुक्ति मोर्चा से बीजेपी में शामिल होकर प्रदेश प्रवक्ता की भूमिका निभा रहे कुणाल षाड़ंगी का बीजेपी से मोहभंग पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो चुका था और वे घर वापसी करने में लगे थे.