पटना: जदयू को बिहार में एक बड़ा झटका लगा है. पार्टी की पूर्व विधायक रह चुकी पूनम देवी ने बुधवार को जदयू छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया. पूनम देवी ने कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली.
पूनम देवी ने क्या कहा: कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूनम देवी ने कहा कि राम जी को 14 वर्षों का वनवास हुआ था. वैसे ही वह भी कांग्रेस में 24 वर्षों के बाद शामिल हो रही है. उन्होंने कहा कि वह पहली बार 1985 में कांग्रेस से जुड़ी थी. कांग्रेस से ही मसौढ़ी विधानसभा से विधायक बनी थी.
एक बार सांसद का चुनाव लड़ा:इसके बाद दो बार वह कांग्रेस की टिकट पर विधायक और एक बार सांसद का चुनाव लड़ी. लेकिन दुर्भाग्य बस बहुत कम मतों से चुनाव हार गई. एक बार फिर से हुआ कांग्रेस पार्टी की नीतियों में विश्वास करके फिर से कांग्रेस में शामिल हुई है.
दीघा से विधायक बनी: पूनम देवी जदयू के टिकट पर भी चुनाव लड़ चुकी है और वह दीघा विधानसभा क्षेत्र से जदयू के विधायक के रूप में चुनाव जीता था. लेकिन जीतनराम मांझी के मुख्यमंत्री बनने के बाद वह नीतीश कुमार का पला छोड़कर जीतनराम मांझी के समर्थन में आ गई थी.
"राम जी 14 साल के वनवास के बार वापस लौटे थे. मैं 24 साल के वनवास के बाद लौटी हूं." - पूनम देवी, कांग्रेस
अखिलेश सिंह का दावा: जदयू की पूर्व विधायक पूनम देवी का कांग्रेस में शामिल होने पर अखिलेश सिंह ने खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि पूनम जी के आने से पटना और जहानाबाद के अलावा बिहार के अन्य जिलों में भी कांग्रेस को फायदा होगा.
मतदान पर संतोष जाहिर किया: अखिलेश सिंह ने बिहार में चार चरणों में हुए मतदान पर संतोष जाहिर करते हुए कहा कि परिणाम महागठबंधन के पक्ष में दिख रहा है. उनका दावा है कि चार चरणों की जो वोटिंग हुई है उसमें एक या दो ही कोई सीट है जहां पर महागठबंधन की स्थिति कमजोर हुई है.
'बीजेपी चुनाव हार रही':अखिलेश सिंह ने दावा किया कि जो सीट बीजेपी का गढ़ माना जाता था वहां से भी इस बार बीजेपी चुनाव हार रही है. तीन चरणों में अभी चुनाव होना बाकी है और महागठबंधन के सभी घटक दल एनडीए के प्रत्याशियों को हराने में एकजुट होकर प्रयास कर रहे हैं.
विशेष राज्य का दर्जा कब मिलेगा:अखिलेश प्रसाद सिंह ने बीजेपी पर बिहार के साथ हमेशा से सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जब बिहार का बंटवारा हुआ था उसे समय केंद्र में बीजेपी की सरकार थी और लालकृष्ण आडवाणी सहित तमाम भरे नेताओं ने बिहार को विशेष पैकेज देने की बात कही थी.
"मोदी जी जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने बिहार को सवा लाख करोड़ रुपए का विशेष पैकेज देने का वादा किया था. उन वादों का क्या हुआ, यह कोई नहीं बोलता. बिहार में चीनी मिल खोलने की बात हो या प्रतिवर्ष 2 करोड़ लोगों को नौकरी देने की बात हो, बीजेपी का वादा सिर्फ वादा ही रह गया." - अखिलेश प्रसाद सिंह, प्रेदश अध्यक्ष
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