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सनी लियोनी के साथ एल्बम बनाने वाले पूर्व IAS अभिषेक सिंह फिर आना चाहते हैं सेवा में, सरकार ने लगाया ब्रेक - Government decision on former IAS

भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के IAS अभिषेक सिंह के नौकरी में दोबारा आने के प्रयास पर योगी सरकार ने ब्रेक लगा दिया है.

पूर्व आईएस अभिषेक सिंह
पूर्व आईएस अभिषेक सिंह (photo credit etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 12, 2024, 4:13 PM IST

Updated : Jun 12, 2024, 7:03 PM IST

पूर्व आईएस अभिषेक सिंह की सेवा में वापसी पर सरकार ने अड़ंगा लगा दिया है. (video credit etv bharat)

लखनऊ: भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के IAS अभिषेक सिंह के नौकरी में दोबारा आने के प्रयास पर योगी सरकार ने ब्रेक लगा दिया है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के DOPT (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग) द्वारा अभिषेक सिंह की सेवा में पुनः वापसी के प्रार्थना पत्र पर मांगी गई आख्या व सहमति को अस्वीकृत कर अपनी संस्तुति भेज दी है.

बांदा डीएम शक्ति नागपाल के पति हैं अभिषेक

पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह राजनीति के चक्कर में पहले त्यागपत्र देते हैं और त्यागपत्र मंजूर भी हो जाता है. इसी के चलते उनके खिलाफ निर्वाचन ड्यूटी के दौरान शुरू हुई विभागीय कार्रवाई भी समाप्त हो जाती है. अभिषेक सिंह जौनपुर लोकसभा सीट से BJP के टिकट के लिए प्रयास करते हैं. फिल्म अभिनेत्री सनी लियोनी सहित सिने जगत की कई हस्तियों के साथ वे नजर आए. एक एल्बम में काम भी किया. इससे अभिषेक को बड़ी चर्चा मिली. अभिषेक सिंह 2010 बैच की आईएएस अधिकारी व बांदा डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के पति हैं.

पूर्व आईएस अभिषेक सिंह अपने लुक और स्टाइल के चलते भी खूब चर्चा में रहे. (photo credit etv bharat)

भाजपा से टिकट न मिलने पर वापसी के लिए हुए सक्रिय

भाजपा नेतृत्व ने जौनपुर में पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री कृपा शंकर सिंह को टिकट देकर मैदान में उतार दिया. टिकट न मिलने और राजनीति में फिलहाल कोई सफलता न मिलती देखकर आईएएस अभिषेक सिंह नौकरी में पुनः वापसी के लिए सक्रिय हो गए. इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार के DOPT को प्रार्थना पत्र लिखकर आईएएस सेवा में दोबारा आने के लिए आवेदन किया. योगी सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारी के अनुसार राज्य सरकार ने अभिषेक सिंह की वापसी पर ब्रेक लगा दिया है.

पूर्व आईएस अभिषेक सिंह फिल्म अभिनेता रणबीर कपूर और बॉबी देओल के साथ. (photo credit etv bharat)

सेवा में वापसी पर सरकार ने जताई असहमति

योगी सरकार में उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि अभिषेक सिंह के सेवा के दौरान आचरण और अनुशासनहीनता को आधार बताते हुए राज्य सरकार की तरफ से DOPT द्वारा उनके आवदेन के क्रम में मांगी गई आख्या व सहमति पर असहमति जताते हुए अस्वीकृत कर दिया गया है. साथ ही विस्तृत आख्या रिपोर्ट वापस भेज दी गई है. राज्य सरकार ने DOPT के सचिव को पत्र भेजकर आईएएस अभिषेक सिंह की सेवा के दौरान आचरण और अनुशासनहीनता का जिक्र करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा में पुनः सम्मिलित किये जाने के लिए प्रेषित प्रार्थना पत्र को औचित्यपूर्ण न पाते हुए असहमति सहित अस्वीकृत करने की संस्तुति के साथ अग्रसारित कर दिया है.

पूर्व आईएस अभिषेक सिंह बॉलीवुड सिंगर बादशाह के साथ. (photo credit etv bharat)

क्या है राज्य सरकार की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में

जानकारी के अनुसार राज्य सरकार की ओर से DOPT को भेजी गई रिपोर्ट में पूर्व आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह की सेवा के दौरान आचरण, अनुशासनहीनता, प्रेक्षक की तैनाती के दौरान किए गए आचरण को आपत्तिजनक बताया गया है. निर्वाचन आयोग द्वारा पर्यवेक्षक कार्य से हटाने के बाद भी अभिषेक सिंहः ने नियुक्ति विभाग में अपना कार्यभार ग्रहण नहीं किया. जिसके बाद निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू करते हुए उन्हें राजस्व परिषद में सम्बद्ध किया गया.

पूर्व आईएस अभिषेक सिंह अभिनेता सुनील शेट्टी के साथ. (photo credit etv bharat)

विभागीय कार्यवाही लंबित रहते हूए अभिषेक सिंह ने त्यागपत्र का प्रार्थना पत्र दिया. प्रार्थना पत्र पर व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए राज्य सरकार द्वारा यह संस्तुति की गई कि अगर केन्द्र सरकार इस्तीफा स्वीकार कर लेती है तो अभिषेक सिंह के विरुद्ध जारी विभागीय कार्यवाही को समाप्त कर दिया जाएगा. इसी क्रम में केन्द्र सरकार द्वारा त्यागपत्र स्वीकार किया गया और इसी आधार पर राज्य सरकार द्वारा जारी विभागीय कार्यवाही भी समाप्त कर दी गई.

पूर्व आईएस अभिषेक सिंह फेमस गायक गुरु रंधावा के साथ. (photo credit etv bharat)

पूर्व आईएएस की कार्यप्रणाली पर सवाल

राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के डीओपीटी को भेजे गए पत्र में इस बात का भी प्रमुखता से उल्लेख किया गया है कि अभिषेक सिंह की वर्ष 2018 से त्यागपत्र दिए जाने की तिथि तक की कार्यप्रणाली से स्पष्ट है कि उनकी शासकीय कार्यों में कोई रुचि नहीं है. दिल्ली सरकार द्वारा प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने के बाद अवमुक्त किये जाने के बाद तथा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रेक्षक डयूटी से मुक्त किये जाने के बाद भी अभिषेक द्वारा राज्य सरकार में योगदान न दिया जाना उनकी अनुशासनहीनता का द्योतक है. इसके अलावा इस मामले में त्यागपत्र वापस लेने से संबंधित All India Services (Death-cum-Retirement Benefits) Rules, 1958 के नियम 5 (1A) (i) में उल्लिखित शर्तों की पूर्ति नहीं हो रही है.

प्रार्थना पत्र औचित्यपूर्ण नहीं

राज्य सरकार की तरफ से DOPT को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि ऐसी स्थितियों को देखते हुए अभिषेक सिंह द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा में पुनः शामिल किये जाने के लिए प्रेषित प्रार्थना पत्र को औचित्यपूर्ण न पाते हुए राज्य सरकार की असहमति सहित अस्वीकृत करने की संस्तुति भेजी जा रही है. यह भी कहा गया है कि इस मामले से अवगत होते हुए प्रकरण में लिए गए निर्णय, कार्यवाही से उत्तर प्रदेश शासन को अवगत कराने का कष्ट करें.

जानिए क्या है आईएएस अधिकारियों के इस्तीफे और पुनः वापसी के नियम

ऑल इंडिया सर्विसेज के रूल 5(1) और 5(1)(A) में इस्तीफे से जुड़े नियम में इस बात का जिक्र है कि अगर कोई आईएएस अधिकारी त्यागपत्र देना चाहता है तो उसका इस्तीफा बिना शर्त ही होना चाहिए. प्रार्थना पत्र में स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए कि उसके त्यागपत्र का कारण क्या है.

IAS अधिकारी की तैनाती जिस राज्य में होती है, वह वहां के मुख्य सचिव को त्यागपत्र का प्रार्थना पत्र भेजता है. उदाहरण के लिए अभिषेक सिंह उत्तर प्रदेश के कैडर से हैं तो उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को त्यागपत्र भेजा था. इसके बाद त्यागपत्र की मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के DOPT से मंजूरी लेनी होगी. राज्य सरकार सम्बंधित आईएएस अधिकारी का त्यागपत्र विजिलेंस स्टेटस रिपोर्ट केंद्र सरकार के DOPT डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग को भेजती है.

ऑल इंडिया सर्विसेज के अफसर इस्तीफा वापस ले सकते हैं, लेकिन उसके लिए भी नियम हैं. ऐसे अधिकारी अगर वापसी करना चाहते हैं तो उन्हें 90 दिनों के अंदर पुनः वापसी के लिए प्रार्थना पत्र देना होगा. इसके बाद राज्य सरकार की सहमति और संस्तुति की भी जरूरत होती है.

इन स्थितियों में वापसी नहीं

कुछ महत्वपूर्ण स्थितियां ऐसी भी हैं जब त्यागपत्र वापस नहीं हो सकता. जैसे कि ऑल इंडिया सर्विस रूल्स में इस बात का उल्लेख स्पष्ट रूप से है कि अगर किसी अधिकारी ने इस मंशा के साथ त्यागपत्र दिया है कि वह राजनीतिक दल से जुड़ेगा या चुनाव में हिस्सा लेगा तो उसे पुनः वापस लेने का अधिकार नहीं मिल सकता है. इन्ही सब आधार पर राज्य सरकार ने पुनः वापसी पर ब्रेक लगा दिया है.

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Last Updated : Jun 12, 2024, 7:03 PM IST

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