जोधपुर :पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि विधानसभा में सत्ता पक्ष ने जानबूझकर ऐसा माहौल बनाया है, जिससे सदन नहीं चल सके. ऐसे ही हालत दिल्ली में केंद्र सरकार ने किए थे, जब 45 लोगों को निलंबित किया था. राजस्थान में 6 विधायकों को बिना किसी कारण के निलंबित कर दिया गया, जबकि होना उल्टा चाहिए. विपक्ष अगर कोई मुद्दा बनाता है तो सत्ता पक्ष का दायित्व होता है कि वह इस मुद्दे को शांत करें और सब को साथ लेकर चलें. सदन की कार्यवाही पूरी करने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की होती है. शनिवार को जोधपुर आए अशोक गहलोत ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि उनके समय में शुरू की गई जनहित की योजनाओं को सरकार ने बंद कर दिया.
गहलोत ने कहा कि सत्ता पक्ष को चाहिए कि इस गतिरोध को तोड़ें, जिन विधायकों को निलंबित किया है उनका निलंबन वापस लें और सदन की कार्रवाई सुचारू रूप से चलाएं. गहलोत ने दलितों के साथ प्रदेश में हो रही घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार और पुलिस दोनों का इकबाल खत्म हो गया है, जबकि पुलिस का इकबाल बुलंद होना चाहिए. सवाल जवाब के दौरान गहलोत सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा सरकार की ओर से निरस्त नहीं करने के सवाल पर जवाब देने से बचते रहे. उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान केंद्र सरकार ने पेपर लीक का मुद्दा बनाया था, जिसके चलते हमारी सरकार चली गई.
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