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गहलोत बोले- सत्ता पक्ष और जनता कह रही सरकार को सर्कस

चुनावी नतीजों पर अशोक गहलोत का बड़ा बयान. कहा- परिणाम साफ होने पर किया जाएगा विश्लेषण. राज्य की भजनलाल सरकार पर साधा निशाना.

GEHLOT ATTACK ON BHAJANLAL GOVT
गहलोत का भजनलाल सरकार पर हमला (ETV BHARAT JAIPUR)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 8, 2024, 3:56 PM IST

जयपुर : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर प्रदेश की भजनलाल सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हम तो विपक्ष में हैं. इसलिए कह रहे हैं, लेकिन सत्ता पक्ष के लोग और जनता भी सरकार को सर्कस बता रही है. साथ ही उन्होंने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजों पर कहा कि शाम तक नतीजे साफ हो जाएंगे. पार्टी आलाकमान हर तरह से विश्लेषण करेगा कि जो नतीजे आए हैं, उनके पीछे क्या कारण रहे हैं.

जयपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कहा कि हरियाणा चुनाव को लेकर शाम तक स्थिति साफ हो जाएगी. हालांकि, जो रुझान आए हैं, वो उत्साहजनक नहीं हैं. तस्वीर साफ होने पर विश्लेषण होगा कि क्या कारण रहे होंगे. हमने कल भी कहा था कि कांग्रेस जीत रही है, लेकिन अब जो ट्रेंड आए हैं. वो उतने अच्छे नहीं रहे. हालांकि, आंकड़ों के लिहाज से कांग्रेस ज्यादा मजबूत दिख रही है. हालांकि, जम्मू-कश्मीर तो कांग्रेस जीतती हुई दिख ही रही है. नतीजे साफ होने पर पार्टी आलाकमान विश्लेषण और मंथन करेगा. पहले यह साफ हो कि क्या जीत-हार हुई है.

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ETV BHARAT JAIPUR)

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जयराम रमेश के सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़े सवाल पर गहलोत ने कहा कि जयराम रमेश ने सोच-समझकर ही कहा होगा. देखते हैं कि क्या स्थिति बनती है. जम्मू-कश्मीर के नतीजों को लेकर भी गहलोत ने कहा कि पहले नतीजों की स्थिति साफ हो जाए. उसके बाद पार्टी आलाकमान, वहां के प्रभारी और प्रमुख नेता विश्लेषण करेंगे.

दुर्भावना से नहीं दिया सर्कस वाला बयान :अपने सर्कस वाले बयान पर गहलोत ने कहा कि जनता फैसला करती है कि किसके वक्त में क्या हुआ. मैंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की भलाई के लिए अपनी भावना बताई है. जिस प्रकार वे दिल्ली से जयपुर के बीच अप-डाउन कर रहे हैं. जनता में इस सरकार का पहला इम्प्रेशन ही ठीक नहीं गया है. आज गांव-गांव में कांग्रेस की चर्चा क्यों होती है. हमारी योजनाओं की पूरे प्रदेश में चर्चा हो रही है. भजनलाल शर्मा को एक सर्वे करवाना चाहिए कि उनकी सरकार के बारे में लोग क्या बातें कर रहे हैं.

कम नहीं होता आठ-दस महीने का कार्यकाल :गहलोत ने कहा कि हम तो विपक्ष में हैं. इसलिए कह ही रहे हैं, जो सत्ता पक्ष के लोग हैं, वो निजी तौर पर क्या बात करते हैं. हम जानते हैं. मुख्य बात है कि आज प्रदेशवासी क्या सोचते हैं. अभी तो उनकी सरकार को ज्यादा समय नहीं हुआ है. लेकिन आठ-दस महीने का समय कम नहीं होता है. वो कब तक पांच साल, पांच साल करते रहेंगे. आज लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिल रही है. मैंने डेंगू का जिक्र इसलिए किया ताकि सरकार का ध्यान जाए इस तरफ.

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हमारी योजनाओं को बंद कर रहे या कमजोर :हमारी जो योजनाएं थी. वो सब बंद हो रही हैं. राशन का किट लोगों को मिल रहा था. मैंने कहा भी था कि सीएम की फोटो बदल देते लेकिन योजना बंद क्यों की. इस योजना से लोगों को महंगाई में राहत मिल रही थी. आप अगर हर योजना का विश्लेषण करेंगे यही सामने आएगा कि या तो योजनाओं को बंद किया जा रहा है या फिर कमजोर किया जा रहा है.

सरकार को सच्चाई बताना हमारा फर्ज :गहलोत ने कहा कि मैंने जो कहा, उसमें मेरी कोई दुर्भावना नहीं थी. मैंने तो मुख्यमंत्री के इंट्रेस्ट में कहा. सरकार नई-नई बनी है. कल गोविंद डोटासरा ने भी कहा कि इन्हें पांच साल सरकार चलानी है. हमारा फर्ज बनता है कि हम वो बात कहें. जो सरकार को मजबूती भी प्रदान करे. हमारी इसमें कोई दुर्भावना नहीं है. सरकार को हम सच्चाई बताएं. इसके दो फायदे हैं. गवर्नेंस अच्छी होती है तो अंतिम फायदा जनता को मिलता है. विकास रुकता नहीं है. आधारभूत संरचना से जुड़ा काम आगे बढ़ता है.

हमारे अनुभव का लाभ लें सीएम :अशोक गहलोत ने कहा कि अब वो केवल हवाई बातें करते रहते हैं कि यमुना नदी का पानी लेकर आ गए. ईआरसीपी को नया नाम दे दिया. इनसे कुछ भी नहीं होने वाला है. अगर मैं मुख्यमंत्री का ध्यान दिलाऊं तो उनकी ड्यूटी है कि हम लोगों के अनुभव का लाभ लें. अब वो कितना लाभ लेते हैं. वो उन पर है. मेरी भावना यह नहीं है कि इन्हें नीचा दिखाने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं कि सरकार सर्कस है.

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मंत्री इस्तीफा देकर कैबिनेट मीटिंग में जा रहे :गहलोत ने कहा कि सर्कस मैं नहीं बोल रहा हूं. इनकी पार्टी के लोग बोल रहे हैं कि सर्कस है. काम भी सर्कस की तरह ही चल रहा है. कोई मंत्री इस्तीफा दे रहा है. इस्तीफा देने के बाद कैबिनेट मीटिंग में जाते हैं. विधायक धमकी दे रहे हैं. सब जानते हैं राजस्थान में क्या स्थिति चल रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि राजस्थान के लोग क्या कहते हैं. वो तो किसी के हाथ में नहीं है. हम भी चुनाव हार गए. क्योंकि प्रधानमंत्री ने यहां झूठ बोला कि पांच लाख हिंदू को दिए और 50 लाख रुपए मुसलमान को दिए. सरकार बनाने के लिए उन्होंने क्या-क्या झूठ नहीं बोला. लेकिन अब सरकार बना ली तो जनता का भला तो हो.

हमारे बयानों को फीडबैक के रूप में लें :उन्होंने कहा कि आज सब तरह से एक प्रकार का क्राइसिस है. फाइनेंशियल क्राइसिस भी है. ये उसे फीडबैक के रूप में क्यों नहीं लेते. हम विपक्ष या मीडिया में हमारी आलोचना को फीडबैक के रूप में लेते हैं. प्रयास करते हैं कि जो फीडबैक मिला है. उसके आधार पर कार्रवाई भी करें. हमने विपक्ष की आलोचना को कभी इस रूप में नहीं लिया कि कोई विपक्ष का नेता बोलता है तो चार-चार मंत्री और मुख्यमंत्री सब बयान दे रहे हैं. एक बयान ही काफी होता है. कल से ही झड़ी लगी हुई है.

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हमने गलत आरोप लगाया हो तो बोलें :गहलोत ने कहा कि सरकार को अभी संभल जाना चाहिए. हम चाहते हैं कि सरकार अच्छी चले. इसमें कमिटमेंट हमारा भी होना चाहिए. गरीब का भला कैसे हो. राजस्थान का विकास कैसे हो. इसमें हमारी रुचि रहेगी. इस संबंध में हम बोलते हैं तो उन्हें उसी रूप में लेना चाहिए. अगर हमने कोई झूठा आरोप लगाया है तो जवाब दीजिए.

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