एमसीबी में दस निर्वाचन क्षेत्रों का गठन, आरक्षण की स्थिति भी साफ,8 नवंबर दावा आपत्ति की आखिरी तारीख - MCB PANCHAYAT ELECTION
नवगठित जिला एमसीबी में एमसीबी में दस निर्वाचन क्षेत्रों का गठन किया है. इन निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षण की स्थिति भी घोषित की गई है.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Nov 4, 2024, 1:01 PM IST
मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : नवीन एमसीबी जिला पंचायत के गठन के लिए प्रारंभिक प्रकाशन अधिसूचना 30 अक्टूबर 2024 को जारी की गई. जिला कलेक्टर कार्यालय ने अधिसूचना जारी कर 8 नवम्बर 2024 तक जनता से दावा-आपत्ति मंगवाए हैं. यह प्रक्रिया एमसीबी जिले में 10 नए निर्वाचन क्षेत्रों के गठन के लिए की गई है।
विकासखंड में कितने निर्वाचन क्षेत्र :निर्वाचन क्षेत्रों का वितरण प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड भरतपुर और मनेन्द्रगढ़ में 4-4 और खड़गवां में 2 निर्वाचन क्षेत्र बनाए गए हैं. विशेष रूप से, खड़गवां के निर्वाचन क्षेत्रों में तहसील पोडी बचरा के कुछ ग्राम पंचायतों को छोड़ने का प्रस्ताव है. जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार, मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर की ग्रामीण आबादी 2 लाख 27 हजार 704 है, जिसमें अनुसूचित जाति (अजा) की 6.37% और अनुसूचित जनजाति (अजजा) की 69.65% जनसंख्या शामिल हैं.
आरक्षण की स्थिति :अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के आधार पर 10 निर्वाचन क्षेत्रों में से 1 क्षेत्र एससी वर्ग के लिए और 7 क्षेत्र एसटी वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं.शेष 2 निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित रहेंगे. इन निर्वाचन क्षेत्रों में महिला आरक्षण के लिए 5 सीटों को लॉटरी से चुना जाएगा. आरक्षण नियमों के अनुसार, 75% सीटें एससी और एसटी वर्गों के लिए आरक्षित होने के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए किसी भी सीट पर आरक्षण नहीं हो सकेगा.
विकासखंडवार आरक्षण का ब्यौरा
विकासखंड भरतपुर निर्वाचन क्षेत्र 1 (भरतपुर) और 2 (कंजिया) अजजा वर्ग के लिए और क्षेत्र 3 (बहरासी) और 4 (कोटडोल) अनारक्षित रहेंगे .
विकासखंड मनेन्द्रगढ़ निर्वाचन क्षेत्र 8 (चैनपुर) अजा वर्ग के लिए और 5 (घाघरा), 6 (ताराबेहरा), 7 (बरवसपुर) अजजा वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं.
विकासखंड खड़गवां निर्वाचन क्षेत्र 9 (देवाडांड़) और 10 (खड़गवां) अजजा वर्ग के लिए आरक्षित हैं.
दावा-आपत्ति की प्रक्रिया :निर्वाचन क्षेत्रों में संभावित बदलावों के लिए 8 नवंबर तक दावा-आपत्ति प्रस्तुत की जा सकती है. इसके बाद ग्राम पंचायतों की स्थिति में फेरबदल की स्थिति में आरक्षण में भी बदलाव किया जा सकता है.