हल्द्वानी: प्रदेश सरकार को खनन से खजाना भरने वाली कुमाऊं मंडल की गौला और नंधौर नदी से अभी तक खनन निकासी कार्य शुरू नहीं हुआ है. खनन निकासी शुरू नहीं होने से जहां प्रदेश सरकार को रोजाना राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है तो वहीं खनन कारोबार से जुड़े हजारों लोगों के सामने रोजी-रोटी का भी संकट खड़ा हो रहा है. गौला और नंधौर में एक अक्टूबर से खनन शुरू हो जाना था, लेकिन दो महीने बाद भी खनन निकासी कार्य शुरू नहीं हुआ है.
2 महीने बाद भी कुमाऊं की नदियों से खनन नहीं हुआ शुरू, सरकार को हो रहा राजस्व का नुकसान - GAULA AND NANDHAUR RIVER MINING
वन विकास निगम कुमाऊं की नदियों से खनन शुरू नहीं करा पाया है. जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Nov 30, 2024, 9:35 AM IST
बताया जा रहा है कि खनन कार्य कराने वाली कार्यदायी संस्थान वन विकास निगम ने खनन कार्य की सभी तैयारी तो कर ली है. लेकिन खनन कारोबार से जुड़े गाड़ी मालिकों और स्टोन क्रशर संचालकों के बीच में खनन ढुलाई भाड़ा को लेकर बात नहीं बन पा रही है.जिसके चलते खनन कार्य में देरी हो रही हैं. मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं मंडल धीरज पांडे ने बताया कि खनन कार्य शुरू करने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है. सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, उम्मीद है कि दो-तीन खनन निकासी कार्य शुरू हो जाएगा.
गौरतलब है कि गौला नदी से खनन कार्य में करीब 8 हजार से अधिक वाहन पंजीकृत हैं, जो खनन कार्य करते हैं. इसके अलावा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के भारी संख्या में मजदूर यहां आकर खनन कार्य कर अपनी आजीविका चलाते हैं. जबकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है. ऐसे में खनन में हो रही देरी के चलते लोगों में मायूसी है. जबकि सरकार को भी रोजाना भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है.
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