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41 सालों से यहां आज भी 1 रु में मिल रहा भरपेट भोजन, 5 रु में दूध - positive news

Food in one rupee : विदिशा के जिला अस्पताल में आज भी एक संस्था मात्र एक रु में भरपेट भोजन कराकर मरीजों और उनके परिजनों की सेवा कर रही है. यहां 11 बुजुर्गों की टीम हर वक्त लोगों की सेवा में लगी रहती है.

Food in one rupee
41 सालों से यहां आज भी 1 रु में मिल रहा भरपेट भोजन

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 2, 2024, 1:43 PM IST

41 सालों से यहां आज भी 1 रु में मिल रहा भरपेट भोजन

विदिशा.आपने सुना होगा कि पहले के जमाने में कभी एक या दो रु में भोजन मिला करता था, पर विदिशा के जिला अस्पताल में आज भी एक संस्था मात्र एक रु में भरपेट भोजन करा रही है. इतना ही नहीं, यहां मरीजों और उनके परिजनों को महज 5 रु में दूध भी दिया जाता है. इस संस्था का नाम है सार्वजनिक भोजनालय सेवा समिति जिसकी 11 सदस्यीय बुजुर्गों की टीम हर वक्त लोगों की सेवा में लगी रहती है.

दानदाताओं की बदौलत निरंतर सेवा

यहां जैसे ही सार्वजनिक भोजनालय सेवा समिति के भवन में अपना कदम रखेंगे तो आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी होटल में आ गए हों. यहां गरमा गरम भोजन मरीज के परिजनों को मिलता है और वे आराम से यहां बैठकर भोजन करते नजर आते हैं. यहां केवल समिति से सदस्य ही नहीं बल्कि बड़े पदों पर काम करने वाले कई अफसर, डॉक्टर और वकील जरूरतमंदों को भोजन करा कर पुण्य लाभ ले रहे हैं. 1 रु में लोगों को भरपेट खाना देने वाला ये भोजनालय दानदाताओं की बदौलत निरंतर सेवा कर रहा है. विट्ठल दास डांगरा नामक दानदाता ने तो इस कार्य के लिए समिति में 31लाख रुपए का दान तक कर दिया.

ऐसे मिलता है 1 रु में भोजन

सार्वजनिक भोजनालय सेवा समिति के वॉलिंटियर्स सुबह 7:00 बजे अस्पताल में जाकर भोजन पर्ची वितरित करते हैं. पर्ची के आधार पर ही दोपहर 11 से 12 बजे तक यहां 1 रु में भरपेट भोजन कराया जाता है. इसी तरह शाम के भोजन की पर्ची 4:00 बजे स्वयंसेवक जाकर अस्पताल में बांटते हैं. इसके बाद 6 से 7 बजे तक शाम का भोजन कराया जाता है. समिति ने नया भवन अस्पताल कैंपस में सरकार द्वारा दी गई जमीन पर बनाया है. जहां हर वर्ग के लोगों की भूख मिटाई जाती है.

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1982 में हुई थी शुरुआत

सार्वजनिक भोजनालय सेवा समिति के किशोर शाह बताते हैं कि यहां मरीजों के परिजनों को भोजन के अलावा, दलिया और गर्म दूध भी दिया जाता है. इस नेक कार्य के लिए विदेशों में रह रहे विदिशा के कई एनआरआई भी दिल खोलकर दान करते हैं. बताया गया कि 1982 में इस नेक कार्य की शुरुआत हुई थी और 41 सालों से ये निरंतर जारी है.

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