लखीमपुर खीरी:उत्तराखण्ड और पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश ने एक बार फिर यूपी के मैदानी इलाकों के लिए परेशानी बढ़ा दी है. बनबसा बैराज से पिछले 24 घण्टों में एक लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने से शारदा नदी उफान पर है. उधर, नेपाली कर्णाली और मोहाना और सुहेली नदियों के पानी ने मिलकर घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ा दिया है. जिससे पीलीभीत और खीरी जिले के ट्रांस शारदा इलाके और नेपाल बार्डर सटे पलिया निघासन तहसील के गांवों में तटवर्ती गांवों में पानी आ गया है. नेपाल जाने वाले एनएच 731 पर पलिया भीरा के बीच बाढ़ का पानी और बढ़ गया है. प्रशासन ने यातायात को बन्द कर दिया. इसके बावजूद पर कुछ लोग जान जोखिम में डालकर निकल रहे हैं.
लखीमपुर में नदियों के उफान से आई बाढ़. (Video Credit; ETV Bharat)
पलिया रोड पर यातायात बंदःपलिया एसडीएम कार्तिकेय सिंह ने बताया कि एनएच 731 पर बाढ़ का पानी डेढ़ से दो फीट तक बह रहा है. नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने पलिया भीरा के बीच किलोमीटर चार पर पुलिया के कटने की सूचना भी दी है. पलिया का जिला मुख्यालय से सम्पर्क भीरा रोड से कट गया है. जनमानस को कोई जानमाल का नुकसान न हो इसलिए, एहतियातन भीरा पलिया रोड पर यातायात बन्द कर दिया गया.
बाढ़ में बहने लगा एक परिवारःपलिया वीर के बीच न 731 पर बांस बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर बढ़ने से आई बाढ़ और नेशनल हाईवे पर चल रही तेज धार में बाइक सवार एक परिवार जान जोखिम में डालकर निकल रहा था. तभी पानी के तेज बहाव में आकर एक पूरा परिवार बहने लगा. एक महिला बच्चा और एक पुरुष को किसी तरह लोगों ने बचा लिया.
बाढ़ खण्ड पूरनपुर ने जारी किया अलर्टःलगातार बारिश और बनबसा से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ खंड पूरनपुर-पीलीभीत ने अलर्ट जारी किया है. जिसमें कहा है कि उत्तराखंड में पहाड़ों पर हो रही भीषण बारिश से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बनबसा बैराज से ढाई से 3 लाख क्यूसेक रिलीज किया जा सकता है. इसलिए शारदा नदी के किनारे के गांवों के लोग ऊंचे स्थानों पर चले जाएं. इधर शुक्रवार को शारदा और गिरिजा बैराज के भी सभी गेट खोल दिए गए हैं. जिससे तटवर्ती गांवों में पानी न रुके.
दर्जनों गांव बाढ़ से घिरेःनिघासन तहसील के तिकुनिया इलाके में नया पिंड गांव में मोहाना नदी में नेपाल की तरफ से आई तेज बाढ़ में पानी गांव में घुस गया है. जिससे दूसरी बार पूरा इलाका पानी-पानी हो गया है. चौगुरजी, इच्छानगर, रननगर आदि तमाम गांवों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. वहींं, नए पिंड गांव को मोहाना नदी लगातार कटान करके नेस्तनाबूद करने पर उतारू है. गांव के छह घर कट के नदी में समा चुके हैं. कई एकड़ जमीन मय फसलों के नदी के आगोश में समा चुकी है. अब गांव में कुछ मकान ही रह गए हैं. इससे लोग ऊंचे स्थानों पर रहकर किसी तरह गुजर बसर कर रहे हैं. इस पूरे इलाके में प्रशासन की भी पूरी मदद बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल पा रही है. फसलों कि इस बार काफी बड़े पैमाने पर तबाही हुई है. धान और गन्ने की फसल को काफी नुकसान हुआ है.
बारिश के बाद वाराणसी में जलभराव. (Video Credit; ETV Bharat) वाराणसी में 45 मिनट बारिश से घरों में घुसा पानीःवहीं, वाराणसी में लगभग 45 मिनट से बारिश से से एक तरफ जहां लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली. वहीं, दूसरी ओर लोगों की परेशानियां बढ़ गई. शहर में हुई बारिश ने नगर निगम की व्यवस्थाओं की कलई खोल कर रख दी. बारिश के बाद शहर के अधिकांश इलाके और कालोनियां जलमग्न हो गईं. कुछ कालोनियां तो ऐसी थी जो पूरी तरह से पानी में डूबी नजर आईं. लोगों के घरों के अंदर पानी घुस गया. कॉलोनी में कई मंदिरों में भी सीवर का पानी भरने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. महमूरगंज इलाके में स्थित शिवराज नगर कॉलोनी में रहने वाले ज्योति प्रसन्न मिश्रा ने वीडियो साझा करते हुए कहा उनके घर में बारिश का पानी भरने से परेशानियां बढ़ गई है. घर और कॉलोनी के आसपास सीवर की सफाई न होने के कारण पूरे घर को ही पानी में डूबा दिया. नीचे का पूरा हिस्सा पानी में होने के कारण सोफा, पलंग, अलमारी और भगवान का मंदिर पानी में डूबा हुआ है. रथयात्रा, सिगरा, महमूरगंज, कबीर नगर, भेलूपुर' कबीरचौरा, नई सड़क गोदौलिया पर भी जलजमाव की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
इसे भी पढ़ें-यूपी में आज जोरदार बारिश का अलर्ट; 50 जिलों में बिजली गिरने के साथ तेज बरसात की चेतावनी, तापमान गिरेगा