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BNS के तहत देश में पहली सजा: हत्या मामले में मिली सफलता पर DGP ने छपरा पुलिस को किया सम्मानित - First conviction under BNS

DGP honoured Chapra Police देश में आईपीसी की जगह बीएनएस लागू होने के बाद छपरा में पहली बार हत्या के एक मामले में सजा सुनाई गयी. छपरा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दो दोषियों रोशन उर्फ सुधांशु कुमार और अंकित कुमार को भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी. पुलिस मुख्यालय में डीजीपी ने सारण एसपी कुमार आशीष के साथ इस टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मियों एवं एफएसएल कर्मी के साथ लोक अभियोजक को सम्मानित किया. पढ़ें, विस्तार से.

एसपी को सम्मानित करते डीजीपी.
एसपी को सम्मानित करते डीजीपी. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 6, 2024, 9:10 PM IST

डीजीपी ने छपरा पुलिस सम्मानित. (ETV Bharat)

पटना:बिहार के छपरा में जुलाई 2024 में हुए हत्याकांड में जिला एवं सत्र न्यायालय ने रोशन उर्फ सुधांशु कुमार और अंकित कुमार को भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 (1) के तहत उम्रकैद और 25 हजार अर्थदंड की सजा सुनायी. धारा 109(1) में 6 साल के कठोर कारावास की सजा के साथ-साथ 10 हजार का अर्थदंड लगाया. नये कानून (Bharatiya Nyaya Sanhita) के तहत पूरे देश में पहली सजा सुनायी गयी. पुलिस मुख्यालय ने इसे बड़ी उपलब्धि मानते हुए टीम के सभी सदस्यों को सम्मानित किया.

पुलिस मुख्यालय में सम्मानित किया गया. (ETV Bharat)

पुलिस के गर्व की बातः शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी ने सारण एसपी कुमार आशीष के साथ इस टीम में शामिल सभी पुलिसकर्मी एवं एफएसएल की कर्मी के साथ लोक अभियोजक को भी डीजीपी आलोक राज ने पुलिस मुख्यालय में सम्मानित किया. डीजीपी आलोक राज ने कहा कि यह काफी बड़ी उपलब्धि है. पुलिस को इसी तरह स्पीडी ट्रायल चलाकर तथा ठोस साक्ष्य प्रस्तुत कर कार्रवाई करनी चाहिए. यह बिहार पुलिस के लिए काफी गर्व की बात है.

पुलिस मुख्यालय में सम्मानित किया गया. (ETV Bharat)

इनको किया गया सम्मानितः सारण एसपी कुमार आशीष ने कहा कि यह पुलिस काफी बड़ी उपलब्धि है. सारण के रसूलपुर में तिहरे हत्याकांड में सजा दिलाई गई थी. इस प्रकरण में DGP ने सभी टीम को पुरस्कृत किया है. कुमार आशीष के साथ व्यवहार न्यायालय सारण के वकील सुरेंद्र नाथ सिंह, सारण के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजकुमार, पुलिस इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह, इंस्पेक्टर रविन्द्र कुमार और एफएसएल टीम की रत्ना राभा को भी डीजीपी ने पुलिस मुख्यालय में सम्मानित किया.

48 दिन में सजा दिलवायी गयीः 16 जुलाई देर रात की घटना है. सारण जिले के रसूलपुर थाना इलाके धनाडीह गांव में अपराधियों ने तारकेश्वर सिंह के घर पर हमला कर छत पर सो रहे पूरे परिवार को चाकुओं से गोद दिया. इस घटना में तारकेश्वर सिंह और उनकी दो बेटियों की मौत हो गयी थी. जबकि उनकी पत्नी शोभा देवी और एक बेटी सूचिका गंभीर रूप से घायल हो गयीं. मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया. 48 दिनों तक चले केस में अभियोजन ने कोर्ट में 12 गवाह पेश किये और आरोपियों को सजा दिलवायी.

"डायल 112 से हमें इस घटना की सूचना मिली. हमलोग घटना स्थल पर गए जहां 3 लोग की हत्या की गई थीं. 1 घण्टे के अंदर आरोपी को पकड़कर हमलोगों ने उसे पकड़ लिया. जब हमने आरोपी को पकड़ा उस समय वो कपड़ा जला रहा था. उसके शरीर पर भी खून के छींटे थे. अपराधियों ने साक्ष्य मिटाने के लिए हथियार को कुएं में फेंक दिया था. पुलिस ने कुएं से हथियार बरामद कर लिया."- कुमार आशीष, एसपी,सारण

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