रामगढ़: अवैध कोयला का कारोबार से रामगढ़ जिले का पुराना नाता है. वैसे तो रामगढ़ को कोयले की मिनी राजधानी के रूप में जाना जाता है और कुजू मंडी पूरे देश में प्रसिद्ध है, लेकिन हम आपको कुजू रेलवे साइडिंग से हो रहे कोयले के गोरखधंधा के बारे बताने जा रहे हैं, जिसका खुलासा तब हुआ जब रामगढ़ पुलिस ने 6 कोयला से लदे हाइवा को जब्त कर कागजातों की जांच की.
दरअसल रामगढ़ थाना परिसर में जब्त हाइवा को लाकर गाड़ी में मौजूद कागजों को जांच के लिए खनन विभाग को सौंपा गया. खनन विभाग ने जांच के बाद पूरे मामले में पप्पू साव, प्रवीण साव, विनोद साव उर्फ पहाड़ी, शंकर मिश्रा के साथ झारखंड इस्पात फैक्ट्री के संचालक सहित कुजू रेलवे साइडिंग के इस मामले में संलिप्त अज्ञात कर्मियो और सभी 6 हाइवा के मालिक और चालक पर प्राथमिकी दर्ज कराई है. इस कार्रवाई के बाद पूरे जिले के रेलवे रैक लिफ्टरो और कारोबारी में हड़कंप मचा हुआ है.
जानकारी के अनुसार रामगढ़ थाना पुलिस ने शनिवार की देर रात कुजू रेलवे साइडिंग से रांची रोड होते हुए अरगड्डा की ओर कच्चा कोयला ले जा रहे छह हाइवा को गुप्त सूचना के आधार पर रोका और कोयला से संबंधित कागजात की मांग की, लेकिन जो कागजात गाड़ियों में मिले वह काफी चौंकाने वाले है. एक सीरियल नंबर के चालान पर ही इन छह गाड़ियों का परिवहन किया जा रहा था. इसके बाद रामगढ़ पुलिस ने खनन विभाग को वहां मिले सभी कागजातों की जांच के लिए पत्र लिखा.
जब खनन विभाग की टीम ने कागजातों की जांच की तो वह भी हक्का-बक्का रह गई एक ही सीरियल नंबर के चालान से सभी कोयला लदे छह हाइवा का परिवहन किया जा रहा था. खनन विभाग ने रांची सीआईडी की टीम से भी मदद लेकर पूरे मामले में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. सूत्रों ने बताया कि यदि रेलवे रैक से कोयले की ट्रांसपोर्टिंग होती है तो रेलवे साइडिंग से खनिज लेकर निकलने वाले सभी वाहनों में अलग अलग माइनिंग चालान, ई वे बिल (काटा स्लिप), रैक द्वारा आये कोयला का रेलवे रैक चालान,गेट पास और आउट पास स्लिप होना चाहिए. इन सभी खनिज से जुड़े कागजात के साथ वाहन के भी सभी वैध दस्तावेज और ड्राइवर का लाइसेंस जरूरी है