भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में खाद के पर्याप्त इंतजाम के दावे कर रही है, लेकिन फिर भी खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं. किसानों को खाद के लिए सोसायटियों पर चक्कर काटने पड़ रहे हैं, कहीं खाद के लिए लाइन के रूप में टोकन रखे जा रहे हैं. उधर अब खाद की किल्लत को लेकर भारतीय किसान संघ मोहन यादव सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहा है. किसान संघ के मुताबिक, ''सोसायटियों पर खाद नहीं मिल रही, वहीं निजी दुकानों पर ज्यादा कीमत में खाद बिक रही है. मिलीभगत कर खाद की कालाबाजारी हो रही है.'' किसान संघ ने सरकार को चार दिन का अल्टीमेटम दिया है.
मध्य प्रदेश में खाद के लिए जद्दोजहद, दिन रात लाइनों में अन्नदाता, किसान संघ का अल्टीमेटम - FERTILIZER SHORTAGE IN MP
मध्य प्रदेश के किसान DAP खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं. किसान संघ ने सरकार को दिया अल्टीमेट.
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Nov 15, 2024, 8:11 PM IST
|Updated : Nov 15, 2024, 10:55 PM IST
लगातार आ रही खाद की कमी की शिकायतें
भारतीय किसान संघ मध्य भारत प्रांत के अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने कहा कि, ''जबलपुर के पाटन, पनागर, सिहोरा में आधार कार्ड की लाइन लगी तस्वीरें सामने आई हैं. यह बताती हैं कि खाद संकट की क्या स्थिति है. खाद के लिए किसानों को दिन रात लाइन लगाकर बैठना पड़ रहा है. यह स्थिति जबलपुर क्षेत्र की नहीं, बल्कि ऐसे ही हालात बुंदेलखंड, ग्वालियर चंबल और मालवा इलाकों की भी है. फसल बुवाई का समय निकलता जा रहा है और किसान को अब तक खाद नहीं मिल पा रही है. जबकि भारतीय किसान संघ ने सरकार से तीन माह पहले खाद की उपलब्धता को लेकर मांग की थी. सरकार दावा कर रही है कि पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है, लेकिन यह सोसायटियों में नहीं, बल्कि निजी दुकानों पर दिखाई दे रही है.'' उन्होंने आरोप लगाया कि, ''मिलीभगत से खाद की कालाबाजारी हो रही है.''
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किसान संघ ने दी चेतावनी
किसान संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि अगले चार दिनों में हालात नहीं सुधरे तो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा. दरअसल धान की कटाई के बाद अब गेहूं और मटर की बुआई शुरू हो गई है. ऐसे में किसानों को सबसे ज्यादा जरूरत डीएपी खाद की है. भारतीय किसान संघ का कहना है कि, ''किसान खेती को फायदे का सौदा बनाने की बात करती है, लेकिन खाद और बीज ही उपलब्ध नहीं करा पा रही है. किसानों को मजबूरन निजी दुकानों से ज्यादा कीमत पर खाद लेना पड़ रहा है.''