हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

महिला सरकारी कर्मियों को मिलेगी 730 दिन की चाइल्ड केयर लीव, दिव्यांग बच्चे की देखभाल कर सकेगी मां - Child Care Leave

Child Care Leave in Himachal: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब हिमाचल प्रदेश में दिव्यांग बच्चों की देखभाल के लिए महिला कर्मचारी को कुल 730 दिन की चाइल्ड केयर लीव मिलेंगी. हिमाचल सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार की तरफ से चाइल्ड केयर लीव की नोटिफिकेशन जारी की गई है.

Child Care Leave in Himachal
हिमाचल में चाइल्ड केयर लीव (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 1, 2024, 7:37 AM IST

Updated : Aug 1, 2024, 10:03 AM IST

शिमला: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हिमाचल सरकार ने चाइल्ड केयर लीव से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी है. अब सरकारी सेवा में कार्यरत महिला कर्मचारी अपने दिव्यांग बच्चे की देखभाल के लिए कुल 730 दिन की चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) ले सकेंगी. यानी ऐसी महिला कर्मचारी, जिसका बच्चा गंभीर बीमारी से जूझ रहा हो, उसे अपने पूरे सेवाकाल में 730 दिन की चाइल्ड केयर लीव मिलेगी. ये लीव अवधि कुल मिलाकर दो साल की बनती है. राज्य सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार की तरफ से अधिसूचना जारी की गई है.

अब नई अधिसूचना के अनुसार संशोधित नियम सेंट्रल सिविल सर्विसेज (लीव) हिमाचल प्रदेश अमेंडमेंट रूल्स 2024 के नाम से जाने जाएंगे. इन नियमों के अनुसार जिन महिला कर्मचारियों के बच्चे चालीस फीसदी दिव्यांगता से जूझ रहे होंगे, उन्हें ये अवकाश मिलेगा. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की 2001 की अधिसूचना के प्रावधानों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में कार्यरत महिला कर्मचारियों को सीसीएल मिलेगी. इसके अलावा ऐसी महिला कर्मचारी, जिसके कम से कम दो संतानें हों, इस सुविधा की पात्र होंगी. वहीं, प्रोबेशन अवधि के दौरान विशेष परिस्थितियों में ही चाइल्ड केयर लीव मिलेगी.

हिमाचल वित्त विभाग की नोटिफिकेशन (ETV Bharat)

क्या कहते हैं नए नियम

नए नियमों के अनुसार चाइल्ड केयर लीव एक साल में तीन बार ली जा सकती. यदि महिला कर्मचारी सिंगल अभिभावक है तो वह साल में छह बार लीव की सुविधा ले सकेगी. ऐसी परिस्थिति में उसे कम से कम 5 दिन की सीसीएल लेनी होगी. समूचे सेवा काल में सीसीएल 730 दिन की ही मिलेगी. लीव के दौरान पहले 365 दिन में महिला कर्मी को सारा का सारा यानी 100 प्रतिशत वेतन मिलेगा. वहीं, दूसरे 365 दिनों में महिला कर्मचारी को कुल वेतन का अस्सी प्रतिशत दिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब हिमाचल सरकार की महिला कर्मचारियों को और बेहतर सुविधा मिलेगी. सीसीएल मिलने के बाद अब उन्हें अपने अर्जित अथवा मेडिकल अवकाश नहीं लेने होंगे. ऐसे में महिला कर्मचारी के उपरोक्त अवकाश बच सकेंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने पलटा था हाईकोर्ट का निर्णय

हिमाचल प्रदेश में सोलन जिले के नालागढ़ सरकारी कॉलेज की एक महिला प्रवक्ता का बेटा गंभीर बीमारी से जूझ रहा है. ज्योग्राफी पढ़ाने वाली प्रवक्ता शालिनी धर्माणी ने 730 दिन की सीसीएल के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी थी. गंभीर रूप से बीमार बेटे की देखभाल का हवाला देते हुए शालिनी ने संविधान के अनुच्छेद-226 के तहत हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. राज्य सरकार प्रतिवादी थी और सरकार ने तर्क दिया था कि राज्य के सरकारी सेक्टर में चाइल्ड केयर लीव का स्वरूप अप्लाई नहीं होता. तब राज्य सरकार के दिए गए तर्क के आधार पर हाईकोर्ट ने 23 अप्रैल 2021 को याचिका को खारिज कर दिया था. वहीं, हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एक तथ्य सामने आया था कि राइट्स ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट-2016 (आरपीडब्ल्यूडी) के प्रावधानों के अनुसार मिलने वाले इसी नेचर के लाभ को रोका नहीं जा सकता. मामला जब सुप्रीम कोर्ट में गया तो वहां से 15 सितंबर, 2022 को आरपीडब्ल्यूडी एक्ट के तहत कमिश्नर को नोटिस जारी कर और जानकारी मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिला कर्मचारियों को इस प्रावधान से अलग नहीं किया जा सकता.

अधिसूचना जारी (ETV Bharat)

राज्य सरकार को 5 अगस्त से पहले लेना था फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को पलटा था. वहां, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की महिला कर्मचारियों को दो साल (730 दिन) की चाइल्ड केयर लीव सुविधा उपलब्ध करवाने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में हिमाचल सरकार को अपने यहां मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने के आदेश दिए थे. उस कमेटी में स्टेट कमिश्नर डिसेबिलिटी एक्ट, सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग और सचिव सोशल वेलफेयर विभाग को सदस्य के रूप में शामिल करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई, 2024 तक इस कमेटी को रिपोर्ट भी सबमिट करने को कहा था. मामले की सुनवाई पांच अगस्त, 2024 को होगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार इस अवधि (5 अगस्त) से पहले राज्य सरकार को अंतिम निर्णय लेना था. यही कारण है कि हिमाचल सरकार ने 31 जुलाई को इस बारे में अधिसूचना जारी कर दो साल की चाइल्ड केयर लीव से जुड़ी अधिसूचना जारी कर दी.

केंद्रीय कर्मचारियों को पहले से ही ये लाभ

केंद्र सरकार सेंट्रल सिविल सर्विसेज लीव रूल्स 1972 के नियम 43-सी के तहत उन महिला कर्मचारियों को दो साल की चाइल्ड केयर लीव की सुविधा देती है, जिनके बच्चे किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे होते हैं. केंद्र सरकार की महिला कर्मचारियों को कुल सेवा कार्यकाल में 730 दिन की इस छुट्टी के दौरान पूरा वेतन मिलता है. इससे पहले हिमाचल सरकार में वित्त विभाग ने रूल 43-सी को अडॉप्ट नहीं किया था. राज्य सरकार का हाईकोर्ट में ये भी तर्क था कि सीसीएल देने पर दो साल तक न तो वेकेंसी विशेष भरी जा सकेगी और संबंधित महिला कर्मचारी की सीट पर काम भी प्रभावित होगा. खैर, अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर महिला कर्मचारियों को 730 दिन की सीसीएल की सुविधा मिल सकेगी.

ये भी पढ़ें:हिमाचल में महिला कर्मियों को 2 साल की चाइल्ड केयर लीव देने की तैयारी, SC के आदेश पर सक्रिय हुई सुक्खू सरकार

Last Updated : Aug 1, 2024, 10:03 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details