गया: दुनिया में कई ऐसे पिता है, जिन्होंने अपने बेटे की तकदीर संवारने के लिए काफी संघर्ष किया और उसे सफलता के मुकाम तक पहुंचाया है. ऐसे ही एक संघर्ष की कहानी बिहार के गया के तारकेश्वर शर्मा की है, जिन्होंने छोटे से सैलून से अपने बेटे को ऑफिसर बनाया. इसके लिए इस पिता के संघर्ष की कहानी हैरान करने वाला है. तारकेश्वर शर्मा की स्थिति ऐसी थी कि घर का गुजारा करना मुश्किल हो रहा था. पत्नी के जेवरात गिरवी रखने की नौबत थी लेकिन अपने बेटे की तकदीर संवारने के लिए उन्होंने गांव छोड़ा और शहर में छोटा सा सैलून कोला.
सैलून चलाकर बेटे को दिलाया मुकाम: अपने बेटे को ऑफिसर बनने का सपना संजोए तारकेश्वर लगातार संघर्ष करते रहे. 15 रुपये में दाढ़ी और 15 रूपये में बाल बनाने वाले तारकेश्वर आज उन सफल पिता की गिनती में है, जिन्होंने कठिन संघर्ष कर अपने बेटे को ऑफिसर बनाया. आज उनका बेटा रक्षा मंत्रालय में पोस्टेड है. जिस पर तारकेश्वर को गर्व है कि उसकी मेहनत रंग लाई.
गरीबी के बीच कट रही थी जिंदगी: गया जिले के टनकुप्पा प्रखंड अंतर्गत चौआरा गांव के रहने वाले तारकेश्वर शर्मा की स्थिति काफी मुश्किल में कट रही थी. पूरा परिवार आर्थिक तंगी में था लेकिन तारकेश्वर शर्मा को लगन थी, कि वह अपने बेटे को ऑफिसर बनाएंगे. इस सपने को संजो कर उन्होंने गांव छोड़ा और गया शहर में आए. शहर के चांद चौरा मोहल्ले में एक छोटी सी गुमटी किराए पर ली और अपना पुश्तैनी काम शुरू कर मेहनत में जुट गए. उन्होंने सैलून चलाते हुए काफी मेहनत की. बेटे की पढ़ाई पैसे के कारण कभी प्रभावित नहीं होने दी.
अच्छी कोचिंग से मिली सफलता: तारकेश्वर शर्मा ने आर्थिक रूप से कमजोर स्थिति में बेटे का नाम सरकारी स्कूल में लिखाया. बेटे सौरभ की पढ़ाई धीरे-धीरे बढ़ती चली गई. इस बीच बेटे ने भी अपने पिता के सपने को साकार करने की ठान ली थी. उसके पढ़ने की लगन ने तारकेश्वर शर्मा का हौसला बढाया. अच्छी निजी कोचिंग में दाखिला कराया, जिसके बाद सौरभ की मेधावी प्रतिभा में निखार आता चला गया.