जोधपुर:कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों के हित में नवाचार करते हुए पश्चिमी राजस्थान में पहला रिमोट पायलट ट्रेंनिंग सेंटर का शुभारंभ किया है. इस ट्रेनिंग सेंटर में किसानों एवं युवाओं को किसान ड्रोन उड़ानें का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ड्रोन तकनीक सीखने के बाद युवा एवं किसान ना सिर्फ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेंगे, बल्कि पानी की बचत सहित पेस्टिसाइड से होने वाले विभिन्न नुकसानों से भी खुद को सुरक्षित रख पाएंगे.
कृषि विश्वविद्यालय में रिमोट पायलट प्रशिक्षण सेंटर के लांचिंग के मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि नई तकनीक का उपयोग समझदारी से किया जाए, तो परिणाम बेहतर मिलते हैं. उन्होंने कहा कृषि क्षेत्र में ड्रोन की उपयोगिता और उसके इस्तेमाल को लेकर विशेषज्ञ तैयार करने के लक्ष्य से यह प्रशिक्षण प्रोग्राम शुरू किया गया है. इसके माध्यम से किसान और जो लोग इसका प्रशिक्षण लेना चाहेंगे, उनके लिए विश्वविद्यालय हर संभव मदद करेगा. ड्रोन ट्रेंनिंग के लिए कृषक के दसवीं पास की अनिवार्यता के संबंध में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास इस संबंध में निवेदन भी विश्वविद्यालय की ओर से किया जाएगा.
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लॉन्चिंग के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि शुरुआत में जब नई तकनीक आती है, तो झिझक होती है, लेकिन जब फायदा मिलता है तो लोग जुड़ते चले जाते हैं. उन्होंने किसानों को ड्रोन से जुड़ी हर छोटी से छोटी जानकारी को गहनता से समझने एवं सीखने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि किसान अगर रासायनिक छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग करेगा, तो खुद को सुरक्षित रखने के साथ गांव एवं समाज का भी भला करेगा.