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तीन दिनों के लगातार बारिश से लबालब हुआ खेत, लक्ष्य के अनुरूप रोपनी का अनुमान - Continuous Rain In Khunti - CONTINUOUS RAIN IN KHUNTI

Rainy Season. पिछले तीन दिनों में पूरे जिले में 183.8 एमएम से अधिक बारिश दर्ज की गई है. वहीं, छह प्रखंडों में कर्रा को छोड़कर 183.8 एमएम बारिश दर्ज हुआ है. इससे मायूस किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है.

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खेत में काम करती महिला (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 4, 2024, 4:02 PM IST

Updated : Aug 4, 2024, 5:35 PM IST

खूंटी: जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. इसी के साथ पर्यटन स्थलों की खूबसूरती लौट आई है तो वहीं, मायूस किसानों के चेहरों पर भी मुस्कान लौटी है. पिछले तीन दिनों में पूरे जिले में 183.8 एमएम से अधिक बारिश दर्ज की गई है. छह प्रखंडों में कर्रा को छोड़कर 183.8 एमएम बारिश दर्ज हुआ है क्योंकि कर्रा का वर्षा मापक यंत्र खराब होने के कारण बारिश मापा नहीं जा सका. बारिश से पहले किसानों को यह चिंता सता रही थी कि उनके बिचड़ा का क्या होगा. लेकिन कुदरत ने मायूस गरीब किसानों की सुन ली और तीन दिनों में ही झमाझम बारिश ने खेत खलिहान भर दिए.

धान रोपनी के बार में जानकारी देते किसान (ETV BHARAT)

बारिश शुरू होते ही किसान खेतों में धान रोपनी के लिए खेत तैयार करने में जुट गए है, ताकि जल्द से जल्द रोपाई की जा सके. हालांकि कुछ किसानों ने गाढ़ा दोन में रोपाई कर ली है, लेकिन उन किसानों के रोपाई पर बारिश का बुरा असर पड़ा है. किसान बिचड़ा तैयार करने में जुटे हुए हैं ताकि जल्द रोपाई कर सकें. शनिवार को खूंटी में 127 मिलीमीटर, मुरहू में 95 मिलीमीटर, तोरपा में 98 मिलीमीटर, अड़की में 80.2 मिलीमीटर तथा रनिया में 82 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई.

तीन दिनों से हो रही बारिश से नदी, नाले, तालाब, जलाशय, कुआं और खेत लबालब हो गए. बारिश से जहां किसानों को राहत मिली है, वहीं आम लोगों का जनजीवन प्रभावित हुआ है. बारिश के साथ ही जिले में धान की रोपाई में भी तेजी आयी है. कृषि विभाग के पदाधिकारी संतोष लकड़ा की माने तो जिले में अब तक धान की रोपाई महज 10 प्रतिशत ही हुई है. उन्होंने बताया कि बारिश के अभाव में रोपाई कार्य लगभग ठप पड़ा हुआ था.

अगस्त में मानसून ने किसानों का साथ दिया है. खेतों में पानी भरने के बाद अब धान की रोपाई में तेजी आयी है. शनिवार तक का जो आंकड़ा है उसके मुताबिक महज 10 प्रतिशत ही धान की रोपाई हुई है. संतोष लकड़ा ने बताया कि आने वाले दो तीन दिन में रोपाईं का प्रतिशत ग्राफ बढ़ जाएगा और लगभग क्षेत्रों में धान रोपाई संभव हो सकेगा.

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Last Updated : Aug 4, 2024, 5:35 PM IST

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