लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश को देश के फूड बास्केट के तौर पर विकसित करेगी. प्रदेश के किसानों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिए सरकार अगले तीन महीने मिशन मोड में अभियान चलाने जा रही है. प्रदेश में सक्रिय एफपीओ के ऑनलाइन पंजीयन, ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म से जोड़ने व लाइसेंसिंग और इक्विटी ग्रांट समेत तमाम प्रक्रियाओं के सरलीकरण की प्रक्रिया को क्रियान्वित कर दिया गया है. योगी सरकार कृषक उत्पादक संगठन सेल का भी गठन करेगी.
आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के मिलेगा लाभ: सक्रिय किसान उत्पादक संगठनों को सुदृढ़ करने और उन्हें ओएनडीसी तथा ई-नाम से जोड़ने की प्रक्रिया को गति देने का निर्देश कृषि विभाग को दिया गया है. इन कार्यों को बढ़ावा देने के लिए कृषक उत्पादक सेल का गठन किया जाएगा जो इम्पलिमेंटिंग एजेंसी के तौर पर काम करेगा. प्रदेश में 3,240 एफपीओ आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना के अंतर्गत कार्यरत हैं जिन्हें शक्ति पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है.
योगी सरकार का किसानों को तोहफा; कृषक उत्पादक संगठन सेल का होगा गठन, मिशन मोड में होगा काम - CM Yogi gifts to UP Farmers - CM YOGI GIFTS TO UP FARMERS
योगी सरकार प्रदेश को देश के फूड बास्केट के तौर पर विकसित करेगी. किसानों को सभी सरकारी योजनाओं का फायदा मिलेगा. किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिए सरकार अगले तीन महीने मिशन मोड में कैंपेन चलाने जा रही है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jun 18, 2024, 6:16 PM IST
एफपीओ को सुदृढ़ बनाने का फ्रेमवर्क तय: प्रदेश में एफपीओ को सुदृढ़ बनाने का जो फ्रेमवर्क निर्धारित किया गया है उसमें प्रमोशन, पारदर्शी कृषि बाजार का निर्माण, इनपुट लाइसेंसिंग प्रक्रिया (खाद, बीज, कीटनाशक), मण्डी लाइसेंस, जीएसटी लाइसेंस, एफएसएसआई लाइसेंस और मार्केट लिंकेज के लिए ओएनडीसी प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्ड कराना शामिल है. इस प्रक्रिया को ओएनडीसी और ई-नाम पोर्टल से जोड़कर पूरा कराया जाएगा. इसके अलावा, इक्विटी ग्रांट, इनपुट लाइसेंस, बीज लाइसेंस सीड डीलरशिप लाइसेंस और उर्वरक लाइसेंस जैसी तमाम महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को पूरा करने में सहायता मिलेगी.
कृषक उत्पादक संगठन सेल का होगा गठन: एफपीओ फ्रेमवर्क को बढ़ावा देने के लिए अगले तीन माह अभियान चलाया जाएगा. कृषक उत्पादक सेल का गठन किया जाएगा जो इम्पलिमेंटिंग एजेंसी के तौर पर कार्य करेगा. एफपीओ को प्रोत्साहित करने के लिए इम्पिलेंटिंग एजेंसी शासन के साथ विभिन्न स्तरों की बैठकों का आयोजन करेगी और पूरे अभियान की रूपरेखा समेत विस्तृत प्रगति रिपोर्ट भी तैयार करेगी. इस रिपोर्ट की विभिन्न स्तर पर मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी.