शिवहर:मंदिर में पूजा हो, शादी हो या फिर कोई शानदार पार्टी, सभी जगह गेंदा के फूल की जरूरत पड़ती है. गेंदा की खुशबु शिवहर के किसानों की जिंदगी महका रही है. गेंदा की खेती में फायदा को देखते हुए, यहां के किसान बड़े पैमाने पर पारंपरिक खेती छोड़कर फूलों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं.
पिछले 10 साल से गेंदा की खेती: जिले के तरियानी प्रखंड के बेलहिया पंचायत वार्ड 10 के रहने वाले किसान ललन भगत अपने गांव की खाली जमीन में लगभग 10 वर्षों से गेंदा की खेती करते आरहे हैं. ललन भगत का कहना है कि 'अगर किसान नियमित फसल के साथ अतिरिक्त आय लेना चाहते हैं, तो वह खाली पड़ी जमीन पर गेंदे की खेती करके काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं.'
कम लागत में लाखों का मुनाफा:किसान ललन भगत ने बताया कि, इससे पहले वह सरसों, गेंहू, मक्के की खेती करते थे. लेकिन उसकी खेती में लागत जितना भी मुनाफा नहीं होता था. खाद, बीज, पानी में ही लागत अधिक होने से मुनाफा कम होता था, जिसके बाद उन्होंने सोचा की फूलों की खेती की जाए. फिर परंपरागत खेती छोड़ फूलों की खेती शुरू की, तो अच्छा मुनाफा हुआ. अब तो महिने में लाख तक मुनाफा पहुंच जाता है.
फूलों की प्रतिष्ठान में करते हैं बिक्री: उन्होंने बताया कि जिले में उनका फूल भंडार के नाम से फूलों का प्रतिष्ठान भी है, जो काफी मशहूर है. वह उनके राजस्व का बेहतरीन साधन है. बताया कि उस प्रतिष्ठान से लोग फूल लेकर बेचने के लिए बाहर भी जाते हैं. थोक और खूदरा दोनों तरह से उनके दुकान में फूलों की बिक्री की जाती है.
"गेंहू, सरसों जैसी फसल में ज्यादा मुनाफा न मिलने से खेती का ट्रेंड बदलना शुरू कर दिया है. यहां अब परंपरागत खेती को छोड़ फूलों की खेती पर कार्य किया जा रहा है. खास बात यह है कि इससे अच्छी आमदनी भी हो रही है. महीने में लाखों रुपए की बचत हो रही है, जिससे सभी किसान वर्गो के लोग खूब उत्साहित हैं."-ललन भगत, किसान