जींद/चंडीगढ़ :खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत गंभीर हो गई है. बताया जा रहा है कि वे अचानक दस मिनट तक बेहोश रहे. इस बीच कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा उन्हें देखने के लिए खनौरी बॉर्डर पहुंचे थे.
जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत गंभीर :पिछले 24 दिनों से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे किसान नेता सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल की गुरूवार को तबीयत खराब हो गई. हालांकि पिछले दो दिनों से डल्लेवाल मंच पर भाषण देने में भी असमर्थ थे. इसके चलते तंबू में ही डल्लेवाल के स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही थी. गुरूवार को दोपहर के समय डल्लेवाल की तबीयत गंभीर हो गई और वे बेहोश हो गए. बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्हें उल्टियां भी हुई. इसके बाद वे करीब 10 मिनट तक बेहोश रहे. हालांकि डॉक्टर रोजाना उनके स्वास्थ्य की जांच कर रहे हैं. अनशन के चलते उनका शरीर लगातार कमजोर होता रहा है. एक हफ्ते पहले उनके वजन में ही 11 किलोग्राम की गिरावट हुई है. वहीं डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जता चुका है.
दीपेंद्र सिंह हुड्डा मिलने पहुंचे :वहीं शाम को सांसद दीपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं का प्रतिनिधिमंडल जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिला और उनका हालचाल जाना. उनके साथ सांसद जयप्रकाश, सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, सांसद वरुण चौधरी, विधायक अशोक अरोड़ा, विधायक रामकरण काला, विधायक नरेश सेलवाल, विधायक इंदुराज नरवाल, विधायक जस्सी पेटवाड़, पूर्व विधायक मेवा सिंह भी मौजूद थे. सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि डल्लेवाल की हालत बेहद गंभीर है. केंद्र सरकार को फौरन एमएसपी गारंटी देने की किसानों की मांग मान लेनी चाहिए और डल्लेवाल का अनशन खत्म कराना चाहिए. दीपेन्द्र हुड्डा ने ये भी कहा कि सरकार को हठधर्मिता छोड़ते हुए किसान संगठनों के साथ हुए समझौते को फौरन लागू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार की वायदाखिलाफी से पूरे देश के किसानों में बेचैनी है. किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
"किसानों के साथ कांग्रेस" :वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पूरे मामले को लेकर बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों की मांगों का समर्थन करती है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत खराब है, उनका जीवन बहुमूल्य है, ऐसे में सरकार को उनसे बातचीत करनी चाहिए. फिलहाल बीजेपी का रवैया बातचीत का नहीं दिख रहा है. एमएसपी कोई नई मांग नहीं है. सरकार ने किसानों का रास्ता रोककर प्रजातंत्र के खिलाफ काम किया है. पहले किसानों को ट्रैक्टर ट्रॉलियों लेकर दिल्ली नहीं जाने दिया. अब किसान पैदल 100-100 के जत्थे में जाना चाहते है, तो भी रास्ता सरकार रोक कर बैठी है. कांग्रेस किसानों के साथ है. सभी चाहते हैं कि किसानों की मांग पूरी हो.