फरीदाबाद:हरियाणा के फरीदाबाद में इन दिनों सूरजकुंड मेले की धूम है. यहां पर देश-विदेश के कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों से ही नहीं बल्कि अपनी कारीगरी से भी खूब चर्चा में है. सूरजकुंड मेले में आम लोगों को बड़ी ही आसानी से और सस्ते में टॉप क्लास की चीजें मिल रही हैं. वहीं, मेले में एक बनारसी सिल्क साड़ी का भी स्टॉल लगा हुआ है. जहां कारीगर बेहद ही खूबसूरत सिल्क साड़ी बनाकर लोगों को बेच रहे हैं. ये सिल्क साड़ियां मेले में बनाई जा रही हैं.
साड़ियों को बनाने में लगती है कड़ी मेहनत: दरअसल, सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेले में बनारस से आये कारीगर अपने हाथों से बनारसी सिल्क साड़ी तैयार कर रहे हैं. उन साड़ियों को बेच भी रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में कारीगर हारून बताते हैं कि यह काम वह साल 1973 से करते आ रहे हैं. कारीगरों की शिद्दत ऐसी की कोई इनसे खूबसूरत साड़ी लिए बिना नहीं रह सकता. इसकी बड़ी वजह है कि इन साड़ियों को बनाने में काफी ज्यादा मेहनत लगती है. कारीगरों ने बताया कि एक साड़ी को तैयार करने में 20 दिन से लेकर 3 महीने तक का समय लग जाता है.
काफी एक्सपेंसिव है सिल्क साड़ियां: कारीगरों का कहना है कि चूंकि ये साड़ियां सिल्क धागे से बनाई जाती है, जिसके लिए काफी मेहनत लगती है. सिल्क का धागा वेल्लोर से लाया जाता है. जिसे काफी मेहनत से बनाया जाता है. यही वजह है की कीमत करीब 10 हजार रुपये से शुरू होकर डेढ़ लाख रुपए तक रहती है. बनारसी सिल्क साड़ी की डिमांड काफी ज्यादा है. आपको बता दें इस साड़ी को तैयार करने के लिए खास तरह के कीड़े से उत्पन्न रेशम का प्रयोग किया जाता है. जो काफी मजबूत और टिकाऊ होता है. यही वजह है कि सिल्क साड़ी का मार्केट अभी भी खूब चल रहा है.
'राष्ट्रपति से लेकर नीता अंबानी ने खरीदी सिल्क साड़ियां': बनारस से आए साड़ी बनाने वाले कारीगर कोई मामूली कारीगर नहीं है. इन कारीगरों को साड़ी बनाते बहुत ज्यादा समय हो गया है. उनकी इस मेहनत से वो काफी विख्यात भी है. जी हां, उन्होंने देश की सबसे रईस और बिजनेस वुमैन नीता अंबानी के लिए भी उनके घर पर रहकर साड़ियां बनाई हैं. इसके अलावा, सूरजकुंड मेले का शुभारंभ करने पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी उनके स्टॉल पर आई थीं. उन्होंने यहां से साड़ी ली और उनकी कारीगरी की भी खूब सराहना की.