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मेवाड़ में होली खेलने के लिए देशी-विदेशी सैलानी करवा रहे बुकिंग, ऐसी होती है धूम

मेवाड़ की होली परम्परा पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां के नाथद्वारा के श्रीनाथजी मंदिर में होली पर्व बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाता है. मेवाड़ की होली देखने के लिए देशी विदेशी पर्यटक भी पहले से आने लगते हैं.

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मेवाड़ में होली खेलने के लिए देशी-विदेशी सैलानी करवा रहे बुकिंग

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 15, 2024, 3:17 PM IST

मेवाड़ में होली खेलने के लिए देशी-विदेशी सैलानी करवा रहे बुकिंग

उदयपुर. देश में होली के पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है. राजस्थान के मेवाड़ में होली का अपना ही एक अलग आनंद देखने को मिलता है. मेवाड़ में उदयपुर, नाथद्वारा और चारभुजा-राजसमंद में होली के रंग देखते ही बनते हैं. यहां देश दुनिया से पहुंचे पर्यटक भी होली के रंग में रंगे हुए नजर आते हैं. ऐसे में होली का आनंद लेने के लिए पहले से ही देसी विदेशी पर्यटक होटल रिसोर्ट में बुकिंग करवा रहे हैं.

होटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया कि होली का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक उदयपुर आते हैं. उदयपुर के ऐतिहासिक जगदीश चौक में होली के रंग देखते ही बनते हैं. अब होली के कुछ ही दिन शेष रहे हैं. इस बीच लगातार उदयपुर के होटल रिसोर्ट में बुकिंग का दौर देखने को मिल रहा है. बड़ी संख्या में लोग भगवान जगदीश के दर पर होली खेलने के लिए आते हैं. होली के दिन जगदीश चौक पर लोग एक साथ होली के रंग में रंगे हुए और चंग की थाप पर होली के गीतों पर झूमते नजर आते हैं. इसके अलावा उदयपुर के अन्य स्थलों पर भी होली के रंग देखने को मिलते हैं.होली को लेकर पर्यटकों को अलग-अलग होटल रिसोर्ट में पैकेज और ऑफर भी दिए जा रहे हैं. इनमें होलिका दहन, स्टे और फूड आदि का पैकेज शामिल है.

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मेवाड़ में सबसे बड़ी होती है श्रीनाथजी की होली:पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ नाथद्वारा में होली का उत्सव पूरे डेढ़ माह तक मनाया जाता है. यहां मनाई जाने वाली श्रीनाथजी की होली मेवाड़ में सबसे बड़ी होती है, जिसके प्रज्वलित होते ही पूरा नगर रोशन हो जाता है. वहीं, करीब 40 दिन पूर्व बसंत पंचमी के अवसर से ही श्रीनाथजी मंदिर में अबीर गुलाल उड़ाने का क्रम शुरू हो जाता है जो दिन प्रतिदिन बढ़ता जाता है. श्रीनाथजी में होलिका दहन के अगले दिन डोल उत्सव मनाया जाता है, जिसमें प्रभु को चार राजभोग लगाए जाते हैं. चालीस दिन चलने वाले फागोत्सव में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ती है. नगर के सभी होटल व धर्मशालाएं फुल हो जाते है, इस वर्ष भी अब तक करीब 70 प्रतिशत होटल फुल हो चुके है. डोल उत्सव पर करीब पचास हजार लोगों के आने की संभावना है.

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