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भरतपुर पूर्व राजपरिवार का पारिवारिक विवाद, एसडीएम कोर्ट ने निरस्त किया प्रार्थना पत्र, जानिए वजह - former Royal Family Dispute

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 20, 2024, 5:54 PM IST

पूर्व राजपरिवार के पारिवारिक विवाद मामले एसडीएम कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया. एसडीएम कोर्ट ने निर्देशित किया है कि यह मामला एसडीएम कोर्ट के क्षेत्राधिकार का नहीं है. इसलिए संबंधित न्यायालय में नया दावा पेश करें.

भरतपुर पूर्व राजपरिवार का पारिवारिक विवाद
भरतपुर पूर्व राजपरिवार का पारिवारिक विवाद (ETV Bharat File photo)

भरतपुर पूर्व राजपरिवार का पारिवारिक विवाद (ETV Bharat Bharatpur)

भरतपुर.पूर्व राजपरिवार के पारिवारिक विवाद मामले की गुरुवार को एसडीएम कोर्ट में सुनवाई हुई. एसडीएम ने संबंधित मामले के दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया है. साथ ही प्रार्थी को निर्देशित किया है कि यह मामला एसडीएम कोर्ट के क्षेत्राधिकार का नहीं है. इसलिए संबंधित न्यायालय में नया दावा पेश करें.

पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह के अधिवक्ता यशवंत सिंह फौजदार ने बताया कि गुरुवार को एसडीएम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. एसडीएम ने आदेश सुनाते हुए कहा कि यह दावा एसडीएम कोर्ट के क्षेत्राधिकार के बाहर का है. इसलिए प्रार्थी संबंधित सक्षम न्यायालय में नया दावा पेश करें. एसडीएम ने एसडीएम कोर्ट के क्षेत्राधिकार के बाहर का मामला मानते हुए प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया. इससे पहले मामले की सुनवाई के लिए एसडीएम कोर्ट की ओर से कई तारीखें दी गई थीं, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी थी.

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यह है राजपरिवार का पूरा विवाद :भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य एवं पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और उनकी पत्नी व पूर्व सांसद दिव्या सिंह एवं उनके बेटे अनिरुद्ध सिंह के बीच लंबे समय से पारिवारिक विवाद चल रहा है. पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने 6 मार्च 2024 को भरतपुर एसडीएम कोर्ट में वरिष्ठ नागरिक के रूप में प्रार्थना पत्र पेश किया था. प्रार्थना पत्र में पूर्व राज परिवार सदस्य एवं पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह पर मारपीट करने, खाना नहीं देने, घर छोड़ने को मजबूर करने के गंभीर आरोप लगाए थे.

मामले में पूर्व मंत्री की पत्नी और पूर्व सांसद दिव्या सिंह व बेटे अनिरुद्ध सिंह ने भी चुनौती दी कि यह मामला एसडीएम कोर्ट में सुनवाई योग्य नहीं है. साथ ही मां-बेटे का आरोप था कि पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बीते 30 साल में महाराजा सूरजमल की पूरी संपत्ति बेच दी. सिर्फ एक मोतीमहल बचा है. इस पूरे विवाद में पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी और बेटे के खिलाफ लॉकर से 10 किलो सोना और करोड़ों के जेवरात चोरी करने के आरोप लगाते हुए एफआईआर भी दर्ज कराई है.

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